खटीमा के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य बीडीसी की बैठक में क्यों भड़के | जाने पूरी खबर |
खटीमा के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य बीडीसी की बैठक में क्यों भड़के | जाने पूरी खबर |
खटीमा। बीडीसी की बैठक में सक्षम और जिला स्तरीय अधिकारियों के न पहुंचने पर बुधवार को ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य भड़क गए। उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर सभागार में तालाबंदी कर दी।
बैठक शुरू होते ही जब जनप्रतिनिधियों को पता चला कि जिला स्तरीय अधिकारी नहीं पहुंचे हैं तो उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद बैठक का बहिष्कार कर सभागार से बाहर आ गए। जनप्रतिनिधियों ने सभागार में मौजूद अधिकारियों को बाहर कर तालाबंदी कर दी।
जनप्रतिनिधियों का कहना था कि क्षेत्र पंचायत की बैठक में क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए डीएम, सीडीओ आदि की मौजूदगी जरूरी होती है। उनका आरोप था कि एसडीएम, तहसीलदार, सीओ आदि अफसर भी नहीं पहुंचे। इस बात को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। उनका यह भी कहना था कि जब बैठक में कोई उच्च अधिकारी मौजूद नही रहेंगे तो क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण कैसे होगा।
बीडीओ को सौंपा ज्ञापन
खटीमा। ग्राम प्रधान संघ ने बीडीओ असित आनंद को ज्ञापन देकर चेतावनी दी कि जब तक क्षेत्र पंचायत की बैठक में जिले से कोई उच्चाधिकारी नहीं आता तब तक बैठक का बहिष्कार होता रहेगा। इस मौके पर संजीत राणा, माया जोशी, सुनीता, जितेंद्र गौतम, राजीव सिंह, सोबन सिंह, ललीता देवी, तेज सिंह महर, रविंद्र सिंह राणा, मन्नू महर, चंदू मुडेला आदि मौजूद थे।
ब्लॉक प्रमुख ने स्पष्टीकरण लेने को कहा
खटीमा। जनप्रतिनिधियों के बहिष्कार के बाद ब्लॉक प्रमुुख रंजीत सिंह नामधारी ने बीडीओ असित आनंद को पत्र लिखकर अनुपस्थित अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने को कहा है। पत्र में 15 दिन के अंदर अन्य विकासखंड के रोस्टर के बाद तिथि निर्धारित करने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पंचायती अधिनियम 2016 की धारा 66(2) के तहत अधिकारियों को बीडीसी बैठक में उपस्थित रहने की प्रतिबद्धता रहती है।
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |