Wednesday, February 5News That Matters

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों की निष्क्रियता के बाद अब मानसून फिर सक्रिय हो रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों की निष्क्रियता के बाद अब मानसून फिर सक्रिय हो रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों की निष्क्रियता के बाद अब मानसून फिर सक्रिय हो रहा है।
उत्तराखंड में मौसम आज से फिर करवट बदलेगा। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में आज से तीन दिन तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, मसूरी में दिन की शुरुआत तेज बारिश के साथ हुई। साथ ही कोहरा भी छाया हुआ है। वहीं, दिन चढ़ने के साथ ही देहरादून में भी बारिश शुरू हो गई। प्रदेश के अन्य इलाकों में भी बादल छाए हुए हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि कुछ दिनों की निष्क्रियता के बाद अब मानसून फिर सक्रिय हो रहा है। मानसून सक्रिय होने के बाद आठ जिलों में लगातार तीन दिन भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है।

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भारी बारिश से नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों में बसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। उधर, देहरादून की डीएम सोनिका ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक लेने के साथ ही अलर्ट रहने के निर्देश दिए है।

सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि वे अपने अपने इलाकों में रहेेंगे। भूस्खलन संभावित इलाकों में जेसीबी संग एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली जाए, ताकि आपदा की स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू किए जा सकें।

नाले में पलटी स्कूल बस
रामनगर में टनकपुर मार्ग पर स्कूली बच्चों को लेने जा रही बस किरोड़ा नाले में पलट गई। जानकारी के अनुसार, ड्राइवर और कंडक्टर सुरक्षित हैं।

मानसून में जरूरत पड़ने पर उपलब्ध रहेगा हेलीकॉप्टर

आपदा प्रबंधन सचिव ने मानसून में आपदा की दृष्टिगत जिलाधिकारियों को तमाम निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि मैदानी जिलों में बाढ़ चौकियों के साथ बाढ़ नियंत्रण टीमों का गठन कर लिया जाए। इसके साथ ही बोट आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए। आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न एवं पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही पशुओं के चारे आदि का भी समय रहते प्रबंधन कर लें। उन्होंने जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था बनाए जाने की भी बात कही।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने सभी जलाशयों (डेम) का निरीक्षण करने, नदियों में पानी बढ़ने की स्थिति की त्वरित सूचना प्रेषण, साइरन सिस्टम, वायरलेस सिस्टम को भी प्रभावी बनाने व आपदा की स्थिति में चेतावनी एसएमएस भेजने की भी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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