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उत्तराखंड : पीएफ का लाभ न देने वाले ईंट भट्ठा संचालकों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड : पीएफ का लाभ न देने वाले ईंट भट्ठा संचालकों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड : पीएफ का लाभ न देने वाले ईंट भट्ठा संचालकों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड : पीएफ का लाभ न देने वाले ईंट भट्ठा संचालकों पर होगी सख्त कार्रवाई

प्रदेश भर के ईंट भट्ठों में काम करने वाले कर्मचारियों को अगर पीएफ का लाभ नहीं दिया जा रहा तो भट्ठा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने विशेष जांच अभियान शुरू कर दिया है। अभियान की शुरूआत हरिद्वार जिले के मंगलौर और रुड़की से की गई है।

बीते साल 26 दिसंबर की सुबह रुड़की के मंगलौर में एक ईंट भट्ठे में दीवार गिरने से छह मजदूरों की मौत हो गई थी। घटना के बाद ईपीएफओ ने जांच शुरू कर दी है कि मृतक मजूदरों के अलावा ईंट भट्ठों में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को पीएफ का लाभ मिल रहा है या नहीं। ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि दैनिक भत्तों पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी पीएफ का लाभ देने का नियम है।

जांच में कई बार सामने आया है कि कंपनी पीएफ का लाभ तो ले रही है, लेकिन वह कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों के हक का पैसा हड़पने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रहा है। इसी क्रम में ईंट भट्ठों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है।

ईपीएफओ के तहत कर्मचारियों के पीएफ खाते खोले जाते हैं। इस खाते में नियोक्ता यानी कंपनी और कर्मचारी दोनों को अपना-अपना हिस्सा (कंट्रीब्यूशन) देना होता है। ऐसे में अगर कंपनी या कर्मचारी इस खाते में योगदान नहीं देता है या फिर देरी करता है तो कुछ शर्त के तहत उन्हें जुर्माना देना पड़ता है।

ईपीएफ को डेथ क्लेम का दावा पत्र मिलने के बाद उसका निपटारा पांच दिन के भीतर करना होता है। ईपीएफओ योजना 1952 अधिनियम के पैरा 72 (5) सी के तहत इनका निपटारा किया जाता है। ऐसे में अगर कंपनी की ओर से कर्मचारी को पीएफ का लाभ नहीं दिया गया तो कंपनी पर कार्रवाई होना निश्चित है।

उत्तरांचल न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

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