उत्तराखंड में बनेगा कैंसर नियंत्रण बोर्ड, उपचार के लिए सरकार बना रही प्रभावी रणनीति |
उत्तराखंड में बनेगा कैंसर नियंत्रण बोर्ड, उपचार के लिए सरकार बना रही प्रभावी रणनीति |
प्रदेश के सभी जनपदों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
जानलेवा बीमारी कैंसर से बचाव और उपचार के लिए उत्तराखंड में कैंसर नियंत्रण बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कवायद चल रही है। बोर्ड बनने के बाद कैंसर से ग्रसित मरीजों का डाटा प्रबंधन और शुरुआती दौर में रोग की पहचान और उपचार के लिए प्रभावी रणनीति पर काम किया जाएगा।
प्रदेश के सभी जनपदों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक प्रदेश भर में 5.49 लाख लोगों की मुख कैंसर, 2.79 लाख स्तन कैंसर और 34 हजार लोगों की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित राष्ट्रीय कैंसर, ह्रदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस), गैर संचारी रोगों जैसे कैंसर व अन्य के रोकथाम के लिए काम किया जा रहा है। प्रदेश में कैंसर मरीजों को कीमोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी और चमोली में कैंसर डे केयर सेंटर संचालित हैं।
इसके अलावा बागेश्वर, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर कैंसर डे केयर सेंटर की स्थापित किए जाएंगे। जिला अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गैर संचारी रोग क्लीनिक के माध्यम से 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की मुंह, स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की निशुल्क स्क्रीनिंग की जा रही है, जिससे समय से कैंसर रोगियों का इलाज हो सके।
कैंसर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए समय पर राेगी की पहचान, उपचार व और निवारण के लिए राज्य में कैंसर नियंत्रण बोर्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। बोर्ड के माध्यम से बेहतर रणनीति पर काम किया जाएगा।
उत्तरांचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |