Sun. Oct 20th, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में रेस्क्यू सेंटर खोलने में फंसे पेच होंगे दूर, वन विभाग ने सीजेडए से मांगा समय

उत्तराखंड : प्रदेश में रेस्क्यू सेंटर खोलने में फंसे पेच होंगे दूर, वन विभाग ने सीजेडए से मांगा समय

उत्तराखंड : प्रदेश में रेस्क्यू सेंटर खोलने में फंसे पेच होंगे दूर, वन विभाग ने सीजेडए से मांगा समय

उत्तराखंड : प्रदेश में रेस्क्यू सेंटर खोलने में फंसे पेच होंगे दूर, वन विभाग ने सीजेडए से मांगा समय

वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक कार्यालय की ओर से रेस्क्यू सेंटर और अन्य मसलों को समयबद्ध तरीके से सुलझाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) से अलग से समय मांगा गया है। ताकि प्रदेश में बढ़ रहे मानव वन्यजीव संघर्ष के मामलों में कमी लाई जा सके
प्रदेश में वन्यजीव के हमलों में लगातार इजाफा हो रहा है। वन्यजीव हिंसक होकर आबादी क्षेत्र में लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। वन विभाग ऐसे हिंसक वन्यजीवों को पकड़कर रेस्क्यू सेंटर में रखता है, लेकिन ज्यादातर रेस्क्यू सेंटर हाउसफुल चल रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में नए रेस्क्यू सेंटर खोलने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसमें कुछ नए रेस्क्यू सेंटर बनाने और पुरानों को विस्तार की योजना है।
लैंसडौन वन प्रभाग के कण्वाश्रम स्थित मृग विहार को मिनी चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है। करीब 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले मृग विहार के रेस्क्यू सेंटर में तबदील होने से वन विभाग की मुश्किलें काफी हद तक कम हो जाएंगी। लेकिन यह मामला औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से वर्ष 2018 से लटका है। जबकि इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है।
प्रदेश में वन विभाग के पास फिलहाल पांच रेस्क्यू सेंटर हैं। इनमें मालसी में स्थित देहरादून जू रेस्क्यू सेंटर में नाममात्र के वन्यजीवों को रखने की जगह है। इसके अलावा रानीबाग अल्मोड़ा में स्थित चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर में शेड्यूल वन के करीब 15 वन्यजीवों को रखने की व्यवस्था है।
इसके अलावा हरिद्वार के चिड़ियापुर में स्थित रेस्क्यू सेंटर, नैनीताल चिड़ियाघर में स्थित रेस्क्यू सेंटर हैं, लेकिन सभी हाउसफुल की स्थिति में हैं। एक रेस्क्यू सेंटर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत ढेला रेंज में बनाया गया है। इनमें से चिड़ियापुर और ढेला में स्थित रेस्क्यू सेंटर में कुछ औपचारिकताओं को पूरा किया जाना है। मामला सीजेडए के स्तर पर विचाराधीन है।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed