Saturday, April 12News That Matters

‘आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय’, आदि महोत्सव में बोले पीएम |

‘आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय’, आदि महोत्सव में बोले पीएम |

‘आदि महोत्सव’ का आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है। कार्यक्रम में 200 स्टॉल के माध्यम से देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जा रहा है। महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन कर दिया। इस मौके पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा उनके साथ रहे। पीएम मोदी ने यहां स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को श्रद्दांजलि दी। इस कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। जनजातीय समुदायों की ओर से उपजाए जाने वाले श्री अन्न, इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आदिवासी समाज के विरासत से लेकर विकास पर चर्चा की।

आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय: पीएम मोदी
लोगों को संबोधित करते हु पीएम मोदी ने कहा कि ‘आदि महोत्सव’ विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है। आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है।

आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देश के कोने कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ अनेक सप्ताह बिताए हैं। मैंने आपकी परंपराओं को करीब से देखा भी है, उनसे सीखा भी है और उनको जिया भी है। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है।

आदिवासियों की जीवन परंपरा पर्यावरण के लिए लाभदायक: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। आज भारत विश्व को बताता है कि अगर आपको जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा देख लीजिए… आपको रास्ता मिल जाएगा।

भारत के जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही
पीएम मोदी ने कहा कि हम कैसे प्रकृति से संसाधन लेकर भी उसका संरक्षण कर सकते हैं इसकी प्रेरणा हमें हमारे आदिवासी समाज से मिलती है। भारत के जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और ये विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं। 80 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्फ ग्रुप आज अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य हमारे जनजातीय भाई-बहन हैं और इनमें भी बड़ी संख्या हमारी माताओं-बहनों की है।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *