कुमाऊं की कोसी नदी में डाला जाएगा गढ़वाल की पिंडर नदी का पानी, जीवन मिशन के तहत जुड़ेंगी नदियां |
कुमाऊं की कोसी नदी में डाला जाएगा गढ़वाल की पिंडर नदी का पानी, जीवन मिशन के तहत जुड़ेंगी नदियां |
उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन के तहत पिंडर ग्लेशियर नदी को कोसी नदी से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा। जल जीवन मिशन के तहत नदियों के पानी मिलाया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन के तहत पिंडर ग्लेशियर नदी को कोसी नदी से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जिसके तहत ग्लेशियर नदी की धारा को मोड़कर उसे बरसाती नदी पर पहुंचाया जाना है। इसके बाद बरसाती नदी में सालभर ग्लेशियर का पानी बहेगा।
जल्द ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रेजेंटेशन के बाद शासन की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद धरातल पर काम शुरू होगा। आईआरडीटी सभागार में सोमवार को रेशम उत्पादन को लेकर आयोजित कार्यशाला में उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के डायरेक्टर प्रो. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि यह पहली बार होगा कि उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल की एक नदी को कुमाऊं मंडल की नदी से जोड़ा जाएगा।
इससे बड़े आबादी क्षेत्र को पानी मिलेगा। बड़े भू-भाग के लिए सिंचाई करने को पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने जानकारी दी कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में पिंडारी ग्लेशियर स्थित है। इससे पिंडारी नदी निकलती है। इस नदी में करीब 55 क्यूसेक पानी रहता है। प्रो. बिष्ट ने बताया कि पिंडारी ग्लेशियर बेशक कुमाऊं मंडल में स्थित है, लेकिन ग्लेशियर से निकलने के बाद यह नदी गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में प्रवेश करती है।
यहां से 105 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह नदी कर्णप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है। ऐसे में कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में कोसी नदी बहती है, जो एक बरसाती नदी है। उन्होंने बताया कि नैनीताल और अल्मोड़ा जिले में पेयजल की व्यवस्था कोसी नदी के माध्यम से होती है। पिछले कुछ सालों से पंप लगे होने के बावजूद पानी की कमी हो रही है। ऐसे में पिंडर नदी का पानी आने से इन दोनों जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
पाइपलाइन के लिए टनल भी बनाई जाएगी
परियोजना के तहत पिंडर नदी के 2200 मीटर ऊपरी कैचमेंट एरिया से दो क्यूसेक पानी की धारा को कोसी नदी में 1800 मीटर ऊंचाई वाले स्थान पर डायवर्ट किया जाएगा। ज्यादातर क्षेत्र में पिलर डालकर पाइपलाइन डाली जाएगी। चमोली जिले के मोपाटा गांव से बागेश्वर जिले के मल्ला पप्यां गांव में लाइन ले जाने के लिए टनल बनाने की जरूरत पड़ेगी।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए लखनऊ से ब्यूरो रिपोर्ट