सुभाष रोड पर सचिवालय !क्षेत्र बना कार पार्किंग!
सुरक्षा के प्रति कहीं लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है?
देहरादून- समूचा उत्तराखंड राज्य सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस राज्य में जहां चारधाम यात्रा का भव्य आयोजन प्रतिवर्ष होता है, वही यह राज्य पर्यटकों के लिए भी सैर सपाटा करने हेतु सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना तथा समझा जाता है | इसीलिए पुलिस प्रशासन एवं शासन में बैठे अधिकारी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने हेतु समय-समय पर महत्वपूर्ण बैठक करते रहते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना एवं अनहोनी न घट सके | लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां पर संभवत लापरवाही का आलम देखा जा रहा है |राज्य की राजधानी देहरादून में अनेक महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान ऐसे हैं जहां पर सुरक्षा के चाक-चौबंद किए जाते हैं और पुलिस महकमा हर तरह से निगरानी भी रखता है | संदिग्ध दिखाई देने वाले व्यक्तियों तथा संदिग्ध वाहनों पर पैनी नजर रखी जाती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उत्तराखंड राज्य का सचिवालय, जो कि देहरादून में स्थित है, उसकी सुरक्षा व्यवस्था में शायद लापरवाही बरती जा रही है? सचिवालय के सुभाष रोड वाले मुख्य प्रवेश द्वार तथा मुख्यमंत्री के लिए बने हुए प्रवेश द्वार से लगी हुई दीवार से सटकर सुबह होते ही कारें खड़ी कर दी जाती है| सचिवालय में प्रतिदिन का कार्य शुरू होते ही कई विभागीय अफसरों की आवाजाही भी शुरू हो जाती है और उनके वाहन अधिकतर इसी सुभाष रोड की सड़क के किनारे दोनों ओर खड़े कर दिए जाते हैं, परंतु इन वाहनों के अलावा भी कई ऐसे वाहन अथवा कार ऐसी होती है जो कि यहां पर पार्क कर दी जाती है | ऐसा देखने तथा सुनने को सामने आया है कि सचिवालय के बाहर सड़क के दोनों ओर कई उन लोगों की कारे भी खड़ी हो जाती है, जिनका कि सचिवालय अथवा सरकारी कामकाज से कोई संबंध नहीं रहता है | सुरक्षित स्थान देखकर यहां पर अक्सर कार चालक अपनी कार खड़ी कर देते हैं| इस तरह से सचिवालय का यह सुभाष रोड सुरक्षा की दृष्टि से देखा व समझा जाए तो सुरक्षित नहीं है? हैरानी की बात यह भी है कि सचिवालय से सटकर ही उत्तराखंड पुलिस का मुख्यालय भी है और यहां पर भी नो पार्किंग के अनेक बोर्ड लगे हुए हैं, परंतु बावजूद इसके यहां पर भी कार का पार्किंग स्थल बना हुआ नजर आता है| ऐसे में सुरक्षा के सवाल खड़े हो जाना लाजमी है |