Sunday, August 10News That Matters

ऋषिकेश-बदरीनाथ पैदल यात्रा पर तैयार हो रहा 16 किमी ट्रैक………….

करीब 25 वर्षों से बंद पड़ा ऋषिकेश-बदरीनाथ पैदल मार्ग को ट्रैकिंग रूट के रूप में विकसित किया जा रहा है। ट्रैकिंग के शौकीन इस ट्रैक पर आवाजाही कर सकेंगे। ट्रैक का मरम्मतीकरण कार्य लगभग 70 फीसदी हो चुका है। करीब आठ लाख की लागत से बन रहा यह ट्रैक 16 किमी लंबा है।

 

डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान ने ऋषिकेश-बदरीनाथ पैदल यात्रा मार्ग को ट्रैकिंग के लिए विकसित करने के उद्देश्य से 24 मार्च को निरीक्षण किया था। डीएम ने पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सिमालू गांव से यमकेश्वर ब्लॉक के नांद गांव तक पैदल यात्रा मार्ग पर पैदल चलकर ट्रैकिंग की संभावनाएं तलाशी थी।

इस दौरान डीएम के साथ लोनिवि, पर्यटन विभाग, राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। डीएम सिमालू से नौडखाल तक 22 किलोमीटर पैदल चले थे। इस पैदल यात्रा मार्ग पर पूर्व में ऋषिकेश से साधु पैदल बदरीनाथ व केदारनाथ जाते थे। करीब 25 साल पहले इस मार्ग पर पैदल तीर्थयात्रियों का आवागमन लगभग बंद हो गया था।
डीएम ने इस पैदल मार्ग को ट्रैकिंग रूट के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग से आठ लाख रुपये स्वीकृत किए थे। 16 किलोमीटर पैदल ट्रैक में से करीब 12 किलोमीटर ट्रैक तैयार हो गया है। इसी ट्रैकिंग रूट पर एक पहाड़ पर रास्ता बनाया गया है। जिस पर कई विदेशी पर्यटक डॉक्यूमेंटरी बना चुके हैं। एक वाटर फॉल भी है।

कैसा होगा ट्रैकिंग रूट

सिमालू, रामपाठी वाटर फॉल, महादेव चट्टी, विजयपुर (बलोगी) ढांगूगढ़, बंदरचट्टी, नांद गांव।

कैसे पहुंचे ट्रैकिंग रूट पर

ऋषिकेश की ओर से-
नौडखाल तक (टैक्सी से)-नौडखाल से पैदल-नांद गांव-बंदरचट्टी, ढांगूगढ़- विजयपुर(बलोगी), महादेवचट्टी, रामपाटी वाटर फॉल, कोटली भेल, सिमालू (16 किमी)

देवप्रयाग की ओर से-
देवप्रयाग से सिमालू तक (टैक्सी से) सिमालू से पैदल कोटलीभेल-रामपाटी फॉल, महादेवचट्टी- विजयपुर(बलोगी)- ढांगूगढ़-बंदरचट्टी- नांद गांव।

कोट-

– बदरीनाथ पैदल यात्रा मार्ग को सिमालू से नांद गांव तक 16 किलोमीटर ट्रैकिंग रूट के रूप में विकसित करने के लिए आठ लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। अभी तक 70 प्रतिशत से अधिक काम हो गया है। जल्द ही ट्रैक को आवागमन के लिए तैयार किया जाएगा।

कोट-

सिमालू से नांद गांव तक बदरीनाथ पैदल यात्रा मार्ग को ट्रैकिंग रूट के रूप में विकसित करना अच्छी पहल है। इस मार्ग को पैदल यात्रा मार्ग को ट्रैकिंग रूप में विकसित करने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। ट्रैकिंग से जुड़े युवाओं को भी काम मिलेगा.

 

 

 

उत्तरांचल क्राइम न्यूज के लिए उत्तराखंड से ब्यूरो रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *