संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ निरंजन मिश्र की गिरफ्तारी पर जताया रोष, जांच की मांग
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने हरिद्वार स्थित भगवान दास संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ निरंजन मिश्र की गिरफ्तारी पर रोष जताते हुए आपत्ति व्यक्त की है। शर्मा ने कहा कि डॉ निरंजन मिश्र भारत के जाने-माने विद्वान व्यक्ति हैं, उनको षडयंत्र के तहत परेशान किया जा रहा है। देवभूमि हरिद्वार में इस तरह का कृत्य असहनीय है।
शर्मा ने कहा कि भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय उत्तराखंड का एकमात्र संस्कृत महाविद्यालय है जो भारत सरकार से वित्तपोषित है। वहां पूरे देश के छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन, शर्मनाक है कि महाविद्यालय के शिक्षकों को कुछ लोग झूठे मामलों में फंसा रहे हैं। जबकि, वह महाविद्यालय में सेवाभाव से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक कभी भी किसी भूमि को खुर्द-बुर्द नहीं करते बल्कि संस्था को सुचारू रूप से संचालित करने का प्रयास करते हैं। पूर्व में दिव्य संतो ने संस्कृत महाविद्यालयों की स्थापना की थी। लेकिन, अब ऐसी स्थिति बन रही है कि संतों के उत्तराधिकारी शिक्षा के इन मंदिरों का व्यवसायिककरण कर रहे हैं। पूरे उत्तराखंड में कई विद्यालय महाविद्यालय बंद किए जा चुके हैं। जबकि, इन धार्मिक मठों का आधार संस्कृत शिक्षा, गौ सेवा, संत सेवा, अन्न क्षेत्र आदि था। लेकिन, अब ठीक इससे उलट कार्य हो रहे हैं, जो संस्कृत के विद्वान इन संस्थाओं को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं, उनको परेशान किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड सरकार/मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर षड्यंत्रकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि शासन/प्रशासन उक्त मामले में कार्रवाई नहीं करता तो तमाम संस्कृत जगत लामबंद होकर के उग्र आंदोलन को बाध्य होगा।