धामी के सामने कांग्रेस का योद्धा होगा कौन?
धामी के सामने कांग्रेस का योद्धा होगा कौन?
*चंपावत-उपचुनाव के लिए भाजपा कर रही रणनीति तैयार
*सीएम धामी के चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकने के लिए चंपावत की सर जमी पर आ सकते हैं पीएम नरेंद्र मोदी व अन्य दिग्गज लीडर
*क्या कांग्रेस आलाकमान पूर्व सीएम हरीश रावत को उतारेगी उपचुनाव के मैदान में!
*चंपावत की जनता को खुश करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुरू कर दिया घोषणाओं का सिलसिला
देहरादून – उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के इलेक्शन में अपनी विधानसभा सीट पर शिकस्त पा चुके पुष्कर सिंह धामी पर उनके भाजपा आलाकमान ने फिर से विश्वास जताते हुए उनको मुख्यमंत्री पद की कमान फिर से सौंपने में जरा सी भी हिचक और संदेह नहीं जताया है, बल्कि, क्योंकि अब उनको संवैधानिक रूप से निरंतर निश्चित कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनाने हेतु भाजपा आलाकमान ने चंपावत विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ाकर अपने विश्वसनीय पुष्कर सिंह धामी को जिताने का बीड़ा भी उठाने का निर्णय ले लिया है|
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए जहां उनकी पार्टी तथा उसके सिपहसालार अपनी कमर कसने को तैयार होने लगे हैं, तो वही मुख्य बात यह है कि कॉन्ग्रेस आखिर धामी के मुकाबले अपने किस कद्दावर राजनीतिक योद्धा को उपचुनाव में उतारेगी? चंपावत उपचुनाव के सियासी एवं राजनैतिक अखाड़े में देखने एवं समझने वाली बात खासतौर से यह होगी कि कॉन्ग्रेस पार्टी अपनी किस रणनीति के तहत अपने कदम आगे बढ़ाएगी | कहने का अभिप्राय यह है कि यदि कांग्रेस ने चंपावत के उपचुनाव में किसी छोटे-मोटे अथवा नॉन राजनीतिक पेठ रखने वाले लीडर को अपना पार्टी प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने उतारा तो, तब यही समझा जाएगा कि कॉन्ग्रेस इस उपचुनाव में पहले ही अपनी हार मान चुकी है? यह भी कहा जा सकता है कि बीते विधानसभा चुनाव में अपेक्षा से कहीं कम सीटें हासिल कर चुकी कॉन्ग्रेस में बाहर तथा अंदरखाने एवं सार्वजनिक रूप से कॉन्ग्रेस नेताओं में जिस प्रकार से आपसी गुटबाजी परवान चढ़ी हुई है, उसको देखते हुए यदि उपचुनाव में कांग्रेस अपना दमदार लीडर नहीं उतार पाई तो, वह कांग्रेस के लिए और भी ज्यादा शर्मसार संभवत होगा? ऐसे में कांग्रेस के भीतर की भारी-भरकम गुटबाजी का राजनीतिक व सियासी लाभ पूरी तरह से भाजपा प्रत्याशी को बैठे-बिठाए मिल जाएगा I भाजपा आलाकमान के अति विश्वसनीय माने जाने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगे भी संवैधानिक दृष्टि से मुख्यमंत्री बने रहने के लिए जो चंपावत उपचुनाव की जमीन तैयार करने में भाजपा जुटी हुई है, उसको देखते हुए सीएम धामी ने क्षेत्र विकास एवं वहां के लोगों के हितों को देखते हुए कुछ घोषणाएं कर भी डाली हैं|उपचुनाव का यह अखाड़ा निश्चित रूप से काफी दिलचस्प बना रहने वाला माना जा रहा है| हालांकि अभी पुष्कर सिंह धामी के सामने प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपना कोई भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन समझा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी चंपावत उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के नाम को घोषित करने से पहले अथवा चयन के लिए अपनी एक चयन कमेटी का गठन करने जा रही है I कहा जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी व सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने शायद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव की दहलीज अथवा अखाड़े में कांग्रेस आलाकमान द्वारा उतारा जा सकता है, ऐसे में कांग्रेस के एक सुलझे हुए, अपितु वृद्ध पूर्व सीएम हरीश रावत का मुकाबला एक यंग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से होना यदि तय हो जाएगा, तो निश्चित रूप से चंपावत उपचुनाव का यह रोचक अखाड़ा एक बहुत ही दिलचस्प एवं निर्णायक रूप वाला होगा | देखना यह है कि अब कांग्रेस की रणनीति चंपावत उपचुनाव को लेकर कितनी दमदार रहेगी? और वह अपने किस लीडर को धामी के मुकाबले राजनीतिक योद्धा मानकर चुनाव मैदान में उतारेगी|कांग्रेस और भाजपा के अलावा और भी अनेक राजनीतिक दल संभवत चंपावत उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों का राजनीतिक एवं सियासी समीकरण बिगाड़ने के प्रयास करने हेतु चुनाव मैदान में उतरेंगे, लेकिन धामी को कोई राजनीतिक व सियासी नुकसान होगा अथवा नहीं, इसका तो आने वाला समय ही बताएगा I लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी का उपचुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरना संभवत सभी अन्य पार्टी प्रत्याशियों के लिए नाकों तले चने चबाने जैसा ही होगा? हां! यदि कॉन्ग्रेस की रणनीति और उसका पार्टी प्रत्याशी वास्तव में बेहद दमदार होगा, तो ऐसे में धामी को शायद पसीने छूट सकते हैं ?
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |