भ्रष्टाचार की आगोश में एमडीडीए दफ्तर!
कई संबंधित मामलों को लेकर सवालों के घेरे मे रहता आया है मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण
कमर्शियल प्रतिष्ठानों के नक्शे पास कराने तथा उनमें वाहनों की पार्किंग स्थान सहित अनेक विभागीय कार्यों को लेकर रिश्वतखोरी के दाग लगते रहे हैं प्राधिकरण पर
सीएम साहब, एमडीडीए कार्यालय की भी सुध ले लो!
देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण ऐसा प्राधिकरण है, जिस पर आए दिन भ्रष्टाचार/रिश्वतखोरी के आरोप लगते आए हैं और अनेक समय पर मिली शिकायतों पर अनेक अधिकारी व कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए धर दबोचा भी जा चुका है| विभिन्न शॉपिंग कंपलेक्स एवं मॉल के नक्शे पास कराने की एवज में न सिर्फ लाखों रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप एमडीडीए के अधिकारी व कर्मचारियों पर लगते रहे हैं, बल्कि इसी के साथ पार्किंग के नक्शे वाले स्थान पर भी मॉल एवं कंपलेक्स के संचालकों द्वारा पार्किंग व्यवस्था समाप्त कर एमडीडीए के नियमों को ताक पर रखने की एवज में प्राधिकरण भ्रष्टाचार की आगोश में रहा है| यही नहीं, संभावित भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा को भी ताक पर रखकर कांपलेक्स एवं मॉल बहुमंजिला बनाने की एवज में भी एमडीडीए भ्रष्टाचार से अछूता नहीं रहा है | मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और सचिव महत्वपूर्ण पद है, और इन पदों पर विराजमान बड़े अधिकारी ही इस प्राधिकरण के सारे कामकाज को अपनी निगरानी में अधीनस्थों से संचालित कराते हैं, लेकिन प्राधिकरण में रिश्वतखोरी अथवा भ्रष्टाचार का बोलबाला इन दोनों ही अधिकारियों की नाक के नीचे जिस तरह से होता आया है, वह बहुत ही हैरान और अचंभा उत्पन्न करने वाली बात है?
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |