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सलमान को मिली Y+ सिक्योरिटी का खर्च कौन उठाएगा, भाईजान को किसने मुहैया कराई सुरक्षा? जानें सबकुछ |

सलमान को मिली Y+ सिक्योरिटी का खर्च कौन उठाएगा, भाईजान को किसने मुहैया कराई सुरक्षा? जानें सबकुछ |

पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग से लगातार मिल रही कथित धमकियों को देखते हुए अभिनेता सलमान खान की सुरक्षा को मौजूदा एक्स श्रेणी से बढ़ाकर Y+ कर दिया गया है। पिछले दिनों मिले इस धमकी भरे पत्र के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार ने सलमान के साथ-साथ अक्षय कुमार और अनुपम खेर की भी सुरक्षा बढ़ाई है। उन्हें X कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली है। इस उठाए गए कदम के बाद अब सवाल उठता है कि आखिर यह सिक्योरिटी का लेवल कौन बढ़ाता है और इसके पैसे कौन देता है।

इस आर्टिकल में हम आपको यही सब बताने जा रहे हैं, चलिए जानते हैं…
सलमान को अब मुंबई पुलिस से नियमित सुरक्षा मिलती है। पुलिस ने इस संबंध में राज्य के गृह विभाग के साथ रिपोर्ट भी साझा की है। सलमान को हाल ही में आर्म्स लाइसेंस भी दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र की पुलिस की जांच में पता लगा था कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार ने मुंबई में सलमान खान पर घातक हमले की प्लानिंग की थी। उन्होंने कथित तौर पर अभिनेता पर हमला करने के दो प्रयास किए थे – एक 2017 में उनकी बर्थडे पार्टी के दौरान उनके बांद्रा स्थित घर के बाहर और दूसरा साल 2018 में उनके पनवेल फार्महाउस पर। अब ऐसे में महाराष्ट्र सरकार मुंबई में सिद्धू मूसेवाला की तरह कोई भी कांड नहीं चाहती है। इसी क्रम में वह लगातार सलमान की सुरक्षा को लेकर कड़े नियम इख्तियार कर रही है।

सुरक्षा का स्तर कौन तय करता है?
मुंबई में रहने वाले सलमान खान, अक्षय कुमार और अनुपम खेर जैसे अभिनेताओं के संबंध में या महाराष्ट्र जैसे राज्यों के मामलों में राज्य सरकार सुरक्षा का स्तर तय करती है। वहीं केंद्र के मामले में गृह मंत्रालय इसका निर्णय लेता है। राज्य या एमएचए खुफिया एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर इसकी जांच करते हैं, जिसमें केंद्र के स्तर पर इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ और राज्य के खुफिया विभाग शामिल हैं।

किसी राज्य या केंद्र से सुरक्षा किसे मिलती है?
राज्य या केंद्र उस व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करते हैं, जो व्यक्ति सरकार या समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इन्हीं लोगों को ‘वीआईपी सुरक्षा’ मिलती है। शीर्ष सरकारी अधिकारियों को उनके पदों के आधार पर सुरक्षा कवर मिलता है। केंद्र आमतौर पर व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान नहीं करता का है, इसलिए राज्य बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिनका जीवन खतरे में होता है।

अलग-अलग प्रकार की सिक्योरिटी
X, Y, Y+, Z, Z+ और SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) मुख्य रूप सिक्योरिटी इन्हीं छह प्रकार की होती हैं। प्रधानमंत्री और उनके तत्काल परिवार को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी एसपीजी की होती है। सरकार किसी भी व्यक्ति को बाकी सिक्योरिटी प्रदान कर सकती है। जहां X कैटेगरी में लोगों को एक गनमैन मिलता है, Y में दो गनमैन होते हैं। Y+ कैटेगरी के तहत, दो पुलिस ऑफिसर, और एक घर की सुरक्षा के लिए होता है। दूसरी ओर, Z में मोबाइल सुरक्षा के लिए छह गनमैन हैं, और दो घर की सुरक्षा के लिए होते हैं। सुरक्षा। Z+ में मोबाइल सुरक्षा के लिए 10 सुरक्षाकर्मी और घर की सुरक्षा के लिए दो होते हैं।

निजी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए कौन भुगतान करता है?
राज्य सरकार खुफिया एजेंसियों द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद किसी को भी सुरक्षा प्रदान करने का खर्चा उठाती है। कभी-कभी, जिन व्यक्तियों को अपने घर पर कई सुरक्षा कर्मियों के साथ Z और Z+ सुरक्षा सिक्योरिटी मिलता है, सरकार उनसे भी इसके लिए पैसे देने करने के लिए कह सकती है।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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