अल्मोड़ा में एटीएम की क्नोनिंग का लोगों को 5 लाख की चपत लगाने वाला गिरफ्तार|
अल्मोड़ा में एटीएम की क्नोनिंग का लोगों को 5 लाख की चपत लगाने वाला गिरफ्तार|
अल्मोड़ा। एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर जिले के चार लोगों को पांच लाख की चपत लगाने वाले जिला गोंडा (यूपी) मनकापुर कन्नूपुरराजा निवासी मुख्य आरोपी शरद मिश्रा (31) को पुलिस ने छह साल बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने उत्तराखंड से ज्यादा मध्यप्रदेश के लोगों से ठगी की है। पुलिस मामले में दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
शरद 2017 में अपने दो साथियों के साथ अल्मोड़ा पहुंचा था। यहां तीनों ने एटीएम से पैसे निकालने में मदद करने के बहाने बुजुर्गों के डेबिट कार्डों की स्क्रीनिंग की। इसके बाद दिल्ली में सभी कार्डों की क्लोनिंग कर बुजुर्गों के खातों से पांच लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ितों ने कोतवाली में मामले में तहरीर दी। पुलिस ने 2017 में एक आरोपी राहुल त्रिपाठी और बीते वर्ष सितंबर में दूसरे आरोपी नवनीत शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंचने में सफल रही। आरोपी शरद को पुलिस ने दिल्ली से धर दबोचा।
एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। अंदेशा जताया कि आरोपी अल्मोड़ा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
आरोपी बोला, मेरी एक गलती से मुझ तक पहुंची पुलिस
अल्मोड़ा। पुलिस पूछताछ में आरोपी शरद ने अपना जुर्म कुबूलते हुए कहा कि उसकी एक गलती ने ही पुलिस को उस तक पहुंचाया है। यदि वह गलती नहीं करता तो शायद पुलिस उस तक कभी नहीं पहुंच सकती थी। बताया कि वह वेश बदलकर और अपनी पहचान छुपाकर पुलिस को चकमा देता रहा। हर बार वह अपना मोबाइल नंबर बदलता था। एक बार उससे चूक हो गई और उसने उसने अपने पुराने मोबाइल नंबर से पैसे ट्रांसफर किए। इस पर पुलिस की नजर पड़ गई और वह उस तक पहुंचने में कामयाब रही।
दिल्ली में कर रहा था आभूषणों का कारोबार
अल्मोड़ा। पुलिस के मुताबिक आरोपी अपना नाम बदलकर शरद सोनी के नाम से दिल्ली में रह रहा था। उसने दिल्ली के कूचागनी में आभूषणों से संबंधित एक फर्म खोली थी। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया। बीते सितंबर पुलिस शरद के घर तक पहुंची थी लेकिन उसने चालाकी से पुलिस को एक शराबी व्यक्ति के पीछे दौड़ाया और खुद मौके से फरार हो गया। पुलिस ने जब शराबी को पकड़ा तो तब जाकर उसे आरोपी के फरार होने का आभाष हुआ और उसे बैरंग लौटना पड़ा।
परिचितों से केवल व्हाट्सएप पर करता था बात
अल्मोड़ा। पुलिस के मुताबिक शरद कभी भी अपने परिचितों से फोन कॉल नहीं करता था। उसे हमेशा यह आभास रहता था कि फोन कॉल के जरिये पुलिस कभी भी उस तक पहुंच सकती थी। वह केवल व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपनों के संपर्क में रहता था।
छह साल पूर्व अल्मोड़ा के बुजुर्गों से ठगी करने वाले मुख्य आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी से पूछताछ जारी है। इसके बाद ही इसके अन्य काले कारनामे सामने आएंगे।
उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |