वन आरक्षी परीक्षा में नकल कराने के षडयंत्र का खुलासा, कोचिंग संचालक सहित दो गिरफ्तार…
उत्तराखंड STF को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने वन आरक्षी परीक्षा में नकल कराने का षडयंत्र रचने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए है। बताया जा रहा है कि दोनो नकल माफियाओं के खिलाफ मंगलौर थानें में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों के संर्पक में आए अभ्यर्थियों से पूछताछ की जा रही है।
15 अभ्यर्थियों से नकल करवाने की एवज में लिए पैसे
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रविवार को होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में नकल करवाने की साजिश का एसटीएफ ने भंड़ाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने मामले में एक कोचिंग सेंटर संचालक और उसके दोस्त सहायक प्रोफेसर को हरिद्वार जिले के गुरूकुल नारसन से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि आरोपियों ने तकरीबन 15 अभ्यर्थियों से नकल करवाने की एवज में रकम ले ली थी। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से परीक्षा में नकल कराने के लिए प्रयोग की जाने वाली साम्रगी ब्लूटूथ डिवाइस की बरामद हुई है। दोनों के खिलाफ हरिद्वार के थाना मंगलौर में मुकदमा दर्ज किया गया है।
परीक्षा केंद्र पर लगवाई थी ड्यूटी
बताया जा रहा है कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ लोग हरिद्वार क्षेत्र में रविवार को होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थियों से धनराशि लेकर नकल कराने के जुगाड़ में लगे हैं। उनमें से एक व्यक्ति एमएस कोचिंग सेंटर का संचालक मुकेश सैनी है, जो पहले भी नकल कराने के आरोप में जेल जा चुका है। मुकेश सैनी एक कुख्यात नकल माफिया है। वहीं सहायक प्रोफेसर रचित पुंडीर द्वारा वन आरक्षी परीक्षा में परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी लगवाई गई थी। जिसके बाद मामले में एसटीएफ ने तत्काल एमएस कोचिंग सेंटर गुरूकुल नारसन पर छापेमारी की, जहां से दोनों को गिरफ्तार किया गया है। नकल के लिए आरोपी मुकेश सैनी और रचित पुंडीर के संर्पक में आए 15 में से 3 अभ्यर्थियों से पूछताछ की जा रही है।
ऐसे कराते नकल
बताया जा रहा है कि रचित पुंडीर हरिद्वार के एक कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं, जो पहले भी वन आरक्षी परीक्षा में प्रश्न पत्र मुकेश सैनी को परीक्षा के दौरान भेजने के आरोप में जेल जा चुका है। रचित पुण्डीर ने आगामी वन आरक्षी परीक्षा में परीक्षा केंद्र में अपनी कक्ष निरीक्षक के पद पर ड्युटी लगवाने की तैयारी कर ली थी, जहां से इसकी योजना परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र को व्हाट्सअप और अन्य माध्यम से मुकेश सैनी को भेजने की थी। मुकेश सैनी इस प्रश्न पत्र को अपने साथियों के साथ मिलकर हल करता और छात्रों को दी गई डिवाइस पर कॉल करके उत्तर बताए जाते हैं।