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डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को ब्रिटिश पार्लियामेंट में मिला ‘भारत गौरव सम्मान’, इन भारतीयों को भी मिल चुका है यह अवार्ड !

नई दिल्ली. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक (Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank) को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘भारत गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया है. डॉ निशंक को यह पुरस्कार लंदन में ब्रिटिश पार्लियामेंट (British Parliament in London) से मिला है. आयोजकों ने डॉ निशंक को यह सम्मान प्रदान करते हुए अत्यंत उत्साहित थे. इस सम्मान समारोह में देश-विदेश से विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट अतिथि शामिल हुए, जिसमें भारतीय फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर, प्रमुख गायत्री परिवार चिन्मय पांड्या, मेदांता ग्रुप के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन, जेट एयरवेज अंकित जालान, वैज्ञानिक सर्न जिनेवा, अर्चना शर्मा शामिल हुईं.

बता दें कि देश में निशंक के साहित्य पर 30 से अधिक लोग शोध कर रहें हैं या कर चुके हैं. निशंक की रचनाओं को कई विश्वविद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया गया है. पूर्व में डॉ निशंक अपने उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान हेतु अठारह से अधिक देशों में सम्मानित हो चुकें है. अपनी साहित्यिक यात्रा के दौरान डॉ निशंक ने 108 से अधिक पुस्तकें प्रकशित की हैं.

 

डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को मिला सम्मान
विगत नौ वर्षों में भारत गौरव पुरस्कार प्रसिद्द हस्तियों को दिया गया जिनमें आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, फिल्म स्टार मनोज कुमार, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, विश्व की सबसे प्रभावशाली महिला इंदिरा नूयी, जैन संत पुलक सागर, आचार्य लोकेश मुनि, गूगल के सीईओ संजय गुप्ता, स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद , एनआरआई शिवा अय्यदुरई, दिवंगत नीरजा भनोट, मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास, नेटफ्लिक्स फेम सिमा टापरिया शामिल हैं.

 

लंदन में आयोजित 10वे संस्करण में ब्रिटैन के सांसद वीरेंद्र शर्मा, हाउस ऑफ लॉर्ड्स बैरोनेस संदीप वर्मा, हाउस ऑफ लॉर्ड्स के रामी रेंजर भी उपस्थित रहें. डॉ निशंक ने विनम्रता से सम्मान को स्वीकार करते हुए इसे अपने पाठकों एवं युवाओं को समर्पित किया. उन्होंने कहा देवात्मा हिमालय उन्हें निर्बाध साहित्य सृजन हेतु सदैव प्रेरित करता है. डॉ निशंक को सम्मान मिलने पर महर्षि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रमुख टोनी नाडर, सद्गुरु मधुसूदन साईं जी, स्वामी चिदानंद मुनि के अतिरिक्त कई साहित्यकारों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने प्रसन्नता प्रकट की.

 

 

उत्तरांचल क्राइम न्यूज के लिए उत्तराखंड से ब्यूरो रिपोर्ट

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