उत्तराखंड – जमरानी बांध प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, नीति आयोग ने लिया था निर्णय
उत्तराखंड – जमरानी बांध प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, नीति आयोग ने लिया था निर्णय
1975 में जमरानी बांध प्रोजेक्ट की चर्चा के साथ साल 2022 तक 12 सरकारों का दौर लोग देख चुके हैं। इसमें सात सरकारें उत्तर प्रदेश और पांच उत्तराखंड से जुड़ी हैं, लेकिन बांध का सपना पूरा नहीं हो सका।
इसके लिए 13वीं सरकार यानी सीएम पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का इंतजार करना पड़ा। अब केंद्रीय कैबिनेट ने इस बहुउद्देशीय परियोजना के लिए बजट उपलब्ध कराने को अंतिम स्वीकृति जारी कर दी है।
1975 में उत्तर प्रदेश के दौर में पहली बार जमरानी बांध की चर्चा शुरू हुई। तब से अब तक उत्तर प्रदेश में सात (1977-2000) और फिर उत्तराखंड का गठन होने पर (2001-2022) के बीच पांच सरकारें बनीं। इसमें एक अंतरिम सरकार भी शामिल है।
मार्च 2022 के बाद नई सरकार का दौर शुरू हुई, जो कि बांध के लिहाज से अब तक की 13वीं सरकार हैं। जबकि उत्तराखंड की छठीं। वहीं, जमरानी बांध निर्माण से जुड़ी अहम प्रक्रिया की बात करें तो पहले भारी-भरकम बजट के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक यानी एडीबी से संपर्क किया गया था, लेकिन लगातार देरी हो रही थी।
पिछले साल जून में नीति आयोग व केंद्रीय जल आयोग की केंद्र स्तर की अहम बैठक में निर्णय लिया गया कि अब एडीबी नहीं बल्कि भारत सरकार निवेश करेगी, लेकिन वित्तीय स्वीकृति के अंतिम और सबसे अहम पड़ाव केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलना अभी बाकी था। इस बैठक की अध्यक्षता खुद पीएम करते हैं। बुधवार को यह पड़ाव भी पार हो गया।
पुष्कर सिंह धामी जुलाई 2021 में पहली बार उत्तराखंड के सीएम बने। 2022 के आम चुनावों के बाद उनका दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ। पिछले 27 महीने से वह मुखिया के तौर पर राज्य की कमान संभाल रहे हैं। जमरानी बांध प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट से स्वीकृति मिलना सरकार की बड़ी उपलब्धि हैं।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |