उत्तराखंड : सीएम धामी ने 2600 लाभार्थियों को किया नजूल भूमि पट्टा का निःशूल्क वितरण, विकास कार्यो का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रुद्रपुर के गाँधी पार्क में आयोजित नजूल भूमि का निशुल्क पट्टा वितरण एवं किफायती आवास आवंटन कार्यक्रम में 2600 लाभार्थियों को नजूल भूमि के पट्टे वितरित किये तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 403 लोगों को स्वामित्व पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 56704.93 लाख के 222 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने पुलिस लाईन में शक्ति वंदन अभियान के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री के वर्चुअल संवाद में भी प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री के द्वारा जसपुर में 1411.04 लाख, काशीपुर में 7498.97 लाख, बाजपुर में 3077.88 लाख, गदरपुर में 2532.03 लाख, रुद्रपुर में 20296.92 लाख, किच्छा में 3404.52 लाख, सितारगंज में 6866.68 लाख, नानकमत्ता में 5558.49 लाख एवं खटीमा में 6058.40 लाख (कुल 56704.93 लाख) रुपये की लागत से होने वाले कुल 222 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें निजी रूप से भी इस बात की बहुत खुशी है कि आज आखिरकार वो दिन आ गया जब आप सभी को अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए पट्टा मिल रहा है, क्योंकि आजादी के बाद यह पहला मौका है जब आप लोगों को मालिकाना हक का पट्टा मिल रहा है। इसके लिए जितना संघर्ष आप लोगों ने किया है उतनी ही मेहनत करनी हमारी सरकार ने भी की है।
उन्होंने कहा कि जब हाई कोर्ट ने नजूल नीति को खारिज कर दिया था और भूमि को खाली करने का आदेश दे दिया था , हमारी सरकार इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट लेकर गई, हमनें आपके हक की लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट में आप सबकी जीत हुई, हम जीते क्योंकि हमारे साथ केंद्र सरकार व आप सभी का आशीर्वाद था। इसके बाद हमनें विधानसभा में कानून पास किया, नजूल नीति 2021 लागू की, तमाम कानून प्रक्रियाएं अपनाई, तब जाकर आपको यह पट्टा देने में सफलता मिली है। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने ये सुनिश्चित किया कि पट्टा लेने के लिए आपको भाग दौड़ ना करनी पड़े बल्कि सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी-अधिकारी खुद आपके दरवाजे तक चल कर आएं और सारे जुरुरी काम निपटाएँ। हमारी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस पूरी प्रक्रिया में लाभार्थी परिवारों का एक भी रुपया खर्च नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी एक साधारण परिवार से हैं, गांव में जन्मे और पले-बढ़े हैं तथा जिंदगी के संघर्षों को करीब से देखा समझा है। लोगों की जिंदगी का अधिकांश समय मूलभूत आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान की समस्याओं को सुलझाने में ही गुजर जाता है। ऐसे में घर बनाना किसी बड़े सपने से कम नहीं होता है, शहरी क्षेत्रों में तो घर बनाने के लिए जमीन खरीदना भी एक बड़ी बात होती है। आज जब आपको यह पट्टा मिल रहा है तो उन्हें खुशी हो रही है कि आपका सपना पूरा हो रहा है। अब आप इस भूमि पर अपने सपनों का आशियाना बना सकते है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता की सच्ची हितैषी है, नजूल नीति का सरलीकरण करके हमनें शहरवासियों को बड़ी सौगात दी है , आप सबको मालिकाना हक मिलने से कालोनियां विनियमित हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि ये अभी पहला चरण है जिसमें 2600 परिवारों को मालिकाना हक का पट्टा दिया जा रहा है, अभी भी जो पात्र परिवार बचे हुए हैं उनको पट्टा दिलाने की प्रकिया पूरी की जा रही है, बहुत जल्द ही उन्हें भी उनके सपनों का घर बनाने के लिए पट्टा मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं है, हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ, जनता से किये हुए वायदों को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वंचितों, शोषितों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की समृद्धि और उत्थान के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। हम सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सरकार के हर महकमें को आपके दरवाजे तक भेज रहे हैं ताकि आर्थिक रूप से गरीब लोगों का जीवन सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटने में ना बीते। इस प्रकार का कार्य केवल हमारी सरकार ही कर सकती है, जिसने गरीब परिवारों के साथ सीधे संवाद किया है, उनकी समस्याओं को समझा है।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |