उत्तराखंड : विधानसभा चुनाव के बाद से ही झटके पर झटके खा रही बसपा, जनाधार वाले नेता छोड़ चुके हैं पार्टी
कभी हरिद्वार जिले में बसपा की तूती बोलती थी लेकिन अब बसपा का जनाधार तेजी से खिसकता जा रहा है। 2022 से लगातार नेताओं का पार्टी से छोड़ना जारी है। एक दो दिन में एक दो ओर बड़े नेता बसपा को अलविदा करने की तैयारी में है। उत्तराखंड बनने के बाद बसपा हरिद्वार जिले में सबसे अधिक मजबूत स्थिति में रही है।
जिला पंचायत से लेकर ग्राम प्रधान एवं ब्लाक प्रमुख तक पर बसपा का ही दबदबा रहा है। इसके बाद बसपा लगातार कमजोर होती चली गई। इसके बाद से बसपा लगातार कमजोर होती गई 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने मंगलौर एवं लक्सर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। हालांकि विस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। कांग्रेस पांच विधायक जीते। भाजपा के तीन, बसपा के दो एवं एक निर्दलीय विधायक ने जीत हासिल की। इसके बाद बसपा से लगातार पलायन जारी है।
किसान आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने बसपा छोड़ी तो निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा की पत्नी सोनिया शर्मा को बसपा ने निष्कासित कर दिया। इसके अलावा पूर्व चेयरमैन रविन्द्र पनियाला ने भी बसपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद मंगलौर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन एवं उनके परिवार ने भी बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गया।
पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे सुभाष वर्मा ने भी बसपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अब तीन बार के विधायक हरिदास एवं बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे उनके बेटे आदित्य बृजवाल भी पार्टी को अलविदा कह गए। वहीं एक ओर बड़े नेता के एक दो दिन में बसपा को छोड़कर भाजपा में शामिल होने की चर्चा है।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |