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गजब : दिन में भी जल रही रोड लाइटें ऊर्जा की कैसे हो बचत, जब सरकारी सिस्टम ही हो ध्वस्त!

गजब : दिन में भी जल रही रोड लाइटें

ऊर्जा की कैसे हो बचत, जब सरकारी सिस्टम ही हो ध्वस्त!

देहरादून- बिजली की बचत अथवा ऊर्जा की बचत करने के लिए जो प्रचार-प्रसार राज्य सरकार की ओर से जोर-शोर से किया जाता रहा है, उसमें लाखो-करोड़ो रुपए खर्च किए जाते रहे हैं | लेकिन जब सरकारी सिस्टम ही ध्वस्त होने के प्रमाण देने लग जाए तो आखिर फिर यह कैसे हो सकता है कि बिजली अथवा ऊर्जा की बचत की जाए? राजधानी की मुख्य सड़क मार्गो पर दिन में ही लाइटें जलना सार्वजनिक रूप से संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही को जगजाहिर कर रहा है| आए दिन सुबह, दोपहर व दिन छिपने से पहले ही शहरी क्षेत्र की सड़कों पर पथ प्रकाश होने के मामले सामने आते रहे हैं I हैरानी की बात यह है कि संबंधित विभाग अथवा कॉरपोरेशन के अधिकारी एक तरफ तो ऊर्जा बचाओ का नारा देकर जन जागरूकता अभियान चलाने की नसीहत देते रहते हैं, तो वहीं दूसरी ओर वे स्वयं अपनी लापरवाही के ऊपर पर्दा डाल रहे हैं| दिन के समय राजधानी के कई मुख्य सड़क मार्ग के अलावा अन्य कई वार्ड क्षेत्रों में भी बेवजह ही दिन में विद्युत खंभों पर बिजली जलती हुई देखी जा सकती है |लेकिन ऊर्जा की बचत करवाने वाले तथा इसी दिशा में जन जागरूकता अथवा पखवाड़ा मनाने वाले छोटे व बड़े अधिकारीगण न सिर्फ लापरवाही के प्रमाण स्वयं ही दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरकार के भी “ऊर्जा बचाओ “मिशन अभियान को पलीता लगाने में पीछे नहीं हैं I एक तरफ आम उपभोक्ताओं को बेतहाशा महंगी बिजली दी जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी मनमानी वाले सिस्टम के तहत प्रतिदिन लाखों यूनिट बिजली बेवजह ही खर्च की जा रही है, और बिजली का दुरुपयोग किया जा रहा है| आम उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की मार करने वाली सरकार और संबंधित कॉरपोरेशन के अधिकारियों की मनमानी बेचारे आम विद्युत उपभोक्ताओं पर बुरी तरह से भारी पड़ रही है | राजधानी देहरादून के अलावा मैदानी जिले हरिद्वार, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी में भी इसी तरह से बिजली का दुरुपयोग दिन में ही जगह जगह खंभों पर जलने के मामले सामने आते रहे हैं | ऐसे में ऊर्जा की बचत के लिए आम जनता के सामने जागरूकता अभियान का राग अलापना एक तरह से हास्यास्पद ही है| सड़क मार्गों एवं विभिन्न चौराहों पर पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए एमडीडीए, नगर निगम यूपीसीएल तीनों की ही भूमिका एवं जिम्मेदारी होती है लेकिन यह तीनों ही अपनी जिम्मेदारियों से अक्सर पल्ला झाड़ते हुए लापरवाही समय-समय पर दर्ज करते आ रहे हैं?

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरों रिपोर्ट |

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