Wednesday, July 2News That Matters

राजनीतिक

भारत में पहली बार गुवाहाटी में आयोजित सीपीए की कार्यकारी समिति की बैठक में होंगी शामिल |

भारत में पहली बार गुवाहाटी में आयोजित सीपीए की कार्यकारी समिति की बैठक में होंगी शामिल |

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
भारत में पहली बार गुवाहाटी में आयोजित सीपीए की कार्यकारी समिति की बैठक में होंगी शामिल | असम विधानसभा इस बार सीपीए भारत रीजन के 8वें सम्मेलन की मेजबानी भी कर रहा है। भारत रीजन की ओर से उत्तराखंड व असम राज्य की विधानसभा इस कार्यकारी समिति की सदस्य हैं। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण भारत में पहली बार गुवाहाटी में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारी समिति की बैठक में भाग लेंगी। इस बैठक में शामिल होने के लिए वह 9 से 12 अप्रैल तक असम के दौरे पर रहेंगी। पहली बार असम विधानसभा 9 व 10 अप्रैल को सीपीए मध्य वर्षीय कार्यकारी समिति की बैठक की मेजबानी कर रही है। सीपीए की कार्यकारी समिति में सीपीए के अध्यक्ष के नेतृत्व में लगभग 35 सदस्य शामिल हैं और इसमें अफ्रीका के अलावा सीपीए के प्रत्येक क्षेत्र के तीन क्षेत्रीय प्रतिनिधि शामिल हैं। भारत रीजन की ओर से उत्तर...
आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में जबरदस्त पैरवी क्यों|

आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में जबरदस्त पैरवी क्यों|

राजनीतिक
आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में जबरदस्त पैरवी क्यों| आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में जबरदस्त पैरवी क्यों सरकार! - मोर्चा #आंदोलनकारी आरक्षण मामले में सरकारी वकीलों की फौज क्यों हुई फ्लॉप ! #खनन कारोबारियों के हितों की पैरवी को सॉलीसीटर जनरल तो आंदोलनकारियों के मामले में क्यों नहीं ! विकासनगर - जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में सरकार की तरफ से की गई लचर पैरवी आंदोलनकारियों पर कुठाराघात कर गई, जिस कारण आंदोलनकारियों की नौकरी पर बन आई | सरकार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन एवं अपने नोटिफिकेशन को बचाने में नाकामयाब रही यानी सरकार की मंशा आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा करना कतई नहीं था | नेगी ने कहा कि एक तरफ सरकार खनन कारोबारियों के हितों की रक्षा हेतु मा...
पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से, कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई|

पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से, कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई|

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से, कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई| 15 मार्च को गणेश गोदियाल प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के साथ ही कार्यकारिणी भी निष्प्रभावी हो गई है। पूरे दस दिन गुजर जाने के बाद भी दोनों पदों पर नियुक्ति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से शुरू होने जा रहा है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। बताया जा रहा है कि विधानमंडल दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक कब होगी, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। विधानसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं मिल पाने पर पार्टी हाईकमान की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा गया था। तमाम प्रत्याशियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के सा...
शपथ ग्रहण समारोह का साधारण निमंत्रण पत्र मिलने से आहत, हरीश रावत ने सीएम धामी के लिए लिखी पोस्ट|

शपथ ग्रहण समारोह का साधारण निमंत्रण पत्र मिलने से आहत, हरीश रावत ने सीएम धामी के लिए लिखी पोस्ट|

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
शपथ ग्रहण समारोह का साधारण निमंत्रण पत्र मिलने से आहत, हरीश रावत ने सीएम धामी के लिए लिखी पोस्ट| पुष्कर सिंह धामी सरकार-टू के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। विपक्ष की पूर्ण अनुपस्थिति पर आम लोगों के बीच कांग्रेस पार्टी की आलोचना हो रही है। जवाब देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सामने आए हैं। उनका कहना है कि यदि ससम्मान बुलाया जाता तो वह निश्चित रूप से समारोह में शामिल होते, लेकिन सरकार की ओर से उनके प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टैग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की। जिसमें उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की अनुपस्थिति को लेकर टिप्पणियां हुई हैं, जो स्वाभाविक हैं। शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था। उन्होंने फ...
उत्तराखंड सीएम पर आज फैसला संभव: धामी को बुलाया गया दिल्ली, नड्डा और बीएल संतोष के साथ करेंगे बैठक|

उत्तराखंड सीएम पर आज फैसला संभव: धामी को बुलाया गया दिल्ली, नड्डा और बीएल संतोष के साथ करेंगे बैठक|

राजनीतिक
 धामी को बुलाया गया दिल्ली, नड्डा और बीएल संतोष के साथ करेंगे बैठक| प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की है। विधानसभा चुनावों में खटीमा सीट पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर संशय को देखते हुए यह बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पर मंगलवार को फैसला हो सकता है। पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक को दिल्ली बुलाया गया है। वे आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात करेंगे। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता में वापसी की है। विधानसभा चुनावों में खटीमा सीट पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर संशय को देखते हुए यह बैठक और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। कौशिक ने बताया, ''उत्तराखंड के संबंध में भाजपा दिल्ली में आज एक महत्वपूर्...
भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को बनाया गया प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल ने किया नियुक्त

भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को बनाया गया प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल ने किया नियुक्त

राजनीतिक
भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को बनाया गया प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल ने किया नियुक्त नई सरकार में कौन मंत्री बनेगा और किसको सौंपी जाएगी विधानसभा अध्यक्ष की कमान, राजनीतिक हलकों समेत आमजन के बीच इसकी खासी चर्चा है। नई कैबिनेट में पुराने चेहरों से इतर नए नामों की सूची लंबी होती जा रही है, लेकिन इसी बीच राज्य में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर दी गई है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद भगत सभी नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड की नई विधानसभा का गठन हो जाएगा। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए विगत 14 फरवरी को चुनाव हुए थे। दस मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पाया और सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई। हो...

सोशल मीडिया पर छलका हरीश रावत का दर्द, कहा सोनिया से कैसे नजरें मिलाऊंगा|

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
सोशल मीडिया पर छलका हरीश रावत का दर्द, कहा सोनिया से कैसे नजरें मिलाऊंगा| उत्तराखंड में कांग्रेस की जीत को लेकर शुरू से ही बेहद आश्वस्त रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए हार को स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार उनका दर्द छलक रहा है। वहीं अब दिल्ली जाने से पहले किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर वह एक बार फिर चर्चाओं में हैं। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार का दर्द रह रहकर कांग्रेस नेताओं को सता रहा है। सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त कांग्रेस नेता अप्रत्यक्ष नतीजों से हैरान-परेशान हैं। इस बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में दिल्ली रवाना होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बेहद भावुक नजर आए। उनके शब्दों में कहें तो वह राज्य में कांग्रेस की हार से बेहद आहत हैं। बैठक में जाने से पूर्व उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि अपनी राष्ट्री...

भाजपा-कांग्रेस में सियासी कसरत जारी, पुष्कर सिंह धामी दून में डटे तो हरीश रावत दिल्ली रवाना |

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
भाजपा-कांग्रेस में सियासी कसरत जारी, पुष्कर सिंह धामी दून में डटे तो हरीश रावत दिल्ली रवाना | बहुमत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा में भाग दौड़ जारी है। मुख्यमंत्री को लेकर सियासी चर्चाओं के बीच रविवार को कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली जाने की चर्चा थी, लेकिन वे देहरादून में ही रहे। विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद उत्तराखंड की सियासत पर भाजपा व कांग्रेस में कसरत जारी है। चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा में जहां मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। वहीं, कांग्रेस में हार को लेकर कुनबे की कलह सामने आने लगी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा में भाग दौड़ जारी | बहुमत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा में भाग दौड़ जारी है। मुख्यमंत्री को लेकर सियासी चर्चाओं के बीच रविवार को कार्यवाहक मुख्य...
धामी को फिर सौंपी जा सकती है कमान, चर्चाओं का बाजार गर्म, रेस में कई दिग्गज|

धामी को फिर सौंपी जा सकती है कमान, चर्चाओं का बाजार गर्म, रेस में कई दिग्गज|

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
धामी को फिर सौंपी जा सकती है कमान, चर्चाओं का बाजार गर्म, रेस में कई दिग्गज| पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने के मिथक को नहीं तोड़ पाए। हालांकि उनके चेहरे पर लड़े गए इस चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। उत्तराखंड में मोदी-शाह और नड्डा की तिकड़ी मुख्यमंत्री के चुनाव के मामले में किसी भी चेहरे पर दांव लगाकर सबको चौंका सकती है। यह जानते हुए भाजपा में सीएम की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है। बेशक सीएम पद के लिए कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन अरमान तकरीबन हर कद्दावर नेता के जोर मार रहे हैं। नतीजा यह है कि सियासी हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा पुष्कर सिंह धामी को ही सत्ता की कमान सौंप सकती है। पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने के मिथक को नहीं तोड़ पाए। हालांकि उनके चेहरे पर लड़े गए इस चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत ह...
हरीश रावत के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हारे|

हरीश रावत के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हारे|

उत्तराखण्ड, राजनीतिक
हरीश रावत के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हारे| उत्तराखंड की जनता ने अगले पांच सालों के लिए अपना प्रथिनिधित्व करने के लिए किस पार्टी को चुना है इसका पता आज चल जाएगा। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को हुए मतदान के लिए वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों ने ईवीएम में बंद चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद बनने वाली संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। बता दें कि बीत दिन पहले आए एग्जिट पोल में भाजपा या कांग्रेस को उत्तराखंड में बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन ज्यादातर में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की करारी हार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ निराशा ल...