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56 साल बाद बर्फ में दबा मिला चमोली के सैनिक का पार्थिव शरीर, 1968 के विमान हादसे में हुए थे लापता

1968 में सियाचिन ग्लेशियर के पास भारतीय वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में भारतीय सेना के 100 जवान शहीद हुए थे। शहीदों की लिस्ट में चमोली जिले के सैनिक नारायण सिंह भी शामिल थे। कोलपुड़ी के लापता सैनिक नारायण सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद उत्तराखंड पहुंचा। छह गनेडियर रुद्रप्रयाग की बटालियन ने पार्थिव शरीर को गाैचक हेलीपैड पर सलामी दी। दरअसल, साल 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे की पहाड़ियों पर भारतीय वायु सेना का एएन- 12 क्रैश हुआ था। जिसमें भारतीय सेना के करीब 102 लोग सवार थे।

इस हादसे में शहीद हुए एक भी जवान का पार्थिव शरीर अभी तक नहीं मिला था लेकिन, भारतीय सेना के सर्चिंग दल को बर्फ के अंदर चार जवानो के शव बरामद हुए। जिसमें माखन सिंह सहारनपुर, मुंशी राम रेवाड़ी हरियाणा, थॉमस चेरिन केरला के कोलाम और इन्हीं शवों के साथ उत्तराखंड के नारायण सिंह का भी पार्थिव शव बरामद हुआ। बता दें कि, शहीद नारायण सिंह की शादी साल 1962 में बसंती देवी के साथ हुई थी। एक बार एक टेलीग्राम आया जिसमें अंग्रेजी में विमान के लापता होने और उसमें नारायण सिंह के लापता होने की बात लिखी थी। उसके बाद परिवारीजन इंतजार करते रहे लेकिन कोई खबर नहीं आई। मां जब तक जिंदा थी नारायण सिंह का इंतजार करती रहीं। वर्ष 2011 में बसंती देवी की मृत्यु हो गई।

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