उत्तराखंड में बारिश के कारण टिहरी झील का लगातार बढ़ने लगा जलस्तर ,बारिश के कारण उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद |
उत्तराखंड में बारिश के कारण टिहरी झील का लगातार बढ़ने लगा जलस्तर ,बारिश के कारण उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद |
पहाड़ से लेकर मैदान तक शुक्रवार को भारी बारिश हुई। बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है। शुक्रवार को जलस्तर आरएल 757.35 मीटर पहुंचा। दूसरी ओर बारिश से उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद हैं। जबकि 11 स्टेट हाईवे पर भी आवाजाही ठप है। इसके अलावा 67 ग्रामीण सड़कें नहीं खोली जा सकीं हैं।
देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, ऊधमसिंह नगर में मौसम विभाग ने शुक्रवार को भारी बारिश के आसार है। इसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई थी, कुछ जिलों में सुबह से कोहरा छाया रहा, जबिक दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हुई। उधर, पिथौरागढ़ में भारी भूस्खलन से कई सड़कें बंद होई है।
दूसरी ओर प्रदेश में बारिश के कारण मलबा आने से 195 सड़कें बंद हैं। इनमें 11 स्टेट हाईवे और 67 ग्रामीण सड़कें हैं। सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि की मशीनरी को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। बृहस्पतिवार को एक ही दिन में 119 सड़कें बंद हुई। बुधवार को 138 सड़कें बंद थीं। इनमें से 62 सड़कों को ही खोला जा सका। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए विभाग ने 203 मशीनें तैनात की हैं।
मलबा व बोल्डर आने से 11 स्टेट हाईवे बंद हैं। इनमें धौतरी कमद आयारखाल मोटर मार्ग, सिलक्यारा -बनगांव- चापरा- सरोट मोटर मार्ग, मोरी- नैटवाड़ -सांकरी -जखोल, रुद्रप्रयाग-पोखरी-गोपेश्वर, कर्णप्रयाग-धारडुंग्री-मैखुरा-कंडारा-सोनला, उत्तरकाशी-टिहरी-घनसाली-तिलवाड़ा, भिकियासैंण-देघाट-बूगीधार-महलचौरी-बधुवाबाण-चौखुटिया मोटर मार्ग, देहरादून-किमाड़ी-मोतीलाल नेहरू-कार्ट मैकंजी-कंपनी गार्डन मोटर मार्ग, मिनस-अटल मोटरमार्ग, डंगोली-सैलानी-दाड़िमखेत व काठगोदाम-खुदानी, देवीधूरा-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग कई स्थानों पर बंद हैं। लोनिवि की मशीनरी इन सभी मार्गों को खोलने में जुटी है।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आदेश में कहा गया कि मैदानी मार्गों के मुकाबले पर्वतीय मार्गों पर सड़क हादसों में ज्यादा जनहानि हो रही है। बरसात शुरू होने के साथ ही तमाम सड़कों को भी नुकसान होने लगा है। उन्होंने कहा कि चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स के सुधारीकरण के लिए लघुकालीन और दीर्घकालीन उपाय करने के लिए समयसीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा है कि सभी दुर्घटना स्थलों के सुधारीकरण के लिए संवेदनशील और अतिसंवेदनशील का वर्गीकरण करें और प्राथमिकता के आधार पर सुधारीकरण के काम कराए जाएं। पर्वतीय मार्गों पर क्रश बैरियर लगाने के लिए भी विशेष कदम उठाए जाएं। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपसी तालमेल के साथ जल्द से जल्द सड़कों की सुरक्षा के लिए काम शुरू करने के लिए कहा।
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |