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एक अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के पेमेंट पर UPI से लेन-देन पड़ेगा महंगा.. एक्स्ट्रा चार्ज लगाने की तैयारी!

दो दिन बाद यानी 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है. इसकी शुरुआत के साथ ही यूपीआई से लेन-देन  भी महंगा होने वाला है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें अप्रैल की पहली तारीख से यूपीआई से होने वाले मर्चेंट पेमेंट पर PPI चार्ज लगाने की सिफारिश की गई है.

लगाया जा सकता है इतना एक्स्ट्रा चार्ज

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, मंगलवार को जारी किए गए इस सर्कुलर के मुताबिक, NPCI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की तैयारी की है. ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है. सर्कुलर में UPI के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने का सुझाव दिया गया है. यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पडे़गा.

करीब 70% ट्रांजैक्शन 2000 रुपये से ज्यादा
NPCI के सर्कुलर से संकेत मिल रहे हैं कि 1 अप्रैल से UPI पेमेंट यानी गूगल पे (Google Pay), फोन पे (Phone Pay)और पेटीएम (Paytm) जैसे डिजिटल माध्यम से अगर आप 2,000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करेंगे, तो फिर आपको इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 70 फीसदी UPI P2M लेन-देन 2,000 रुपये से अधिक के मूल्य होते हैं, ऐसे में इन पर 0.5 से लगभग 1.1 फीसदी का इंटरचेंज लगाने की तैयारी है.

30 सितंबर से पहले की जाएगी समीक्षा

बता दें, PPI में वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन आता है. आम तौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसकी समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले की जाएगी.

 

किस पर नहीं लगेगा इंटरचेंज फीस

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है. फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूली जाएगा. दरअसल, इंटरजेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा. इस सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.

 

उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट

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