Sat. Oct 19th, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में निजी भूमि पर बना सकेंगे हेलीपैड और हेलीपोर्ट, नीति को मिली मंजूरी

उत्तराखंड : प्रदेश में निजी भूमि पर बना सकेंगे हेलीपैड और हेलीपोर्ट, नीति को मिली मंजूरी

उत्तराखंड : प्रदेश में निजी भूमि पर बना सकेंगे हेलीपैड और हेलीपोर्ट, नीति को मिली मंजूरी

उत्तराखंड : प्रदेश में निजी भूमि पर बना सकेंगे हेलीपैड और हेलीपोर्ट, नीति को मिली मंजूरी

प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई सेवाओं के विस्तार करने के लिए अब निजी भूमि पर भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकेंगे। इसके लिए भू-स्वामी जमीन को 15 साल के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को लीज पर दे सकता है या स्वयं भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकता है।

जमीन पर लीज पर देने पर भू-स्वामी को 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया और हेलीपैड व हेलीपोर्ट संचालन व प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा, जबकि स्वयं बनाने पर कुल पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी दी है।

इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा और आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों में आसानी होगी। प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर हेलीपैड या हेलीपोर्ट विकसित किया जा सकता है, लेकिन यहां पर सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए सरकार ने निजी भूमि पर हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाने की नीति को मंंजूरी दी है।

नीति में हेलीपैड व हेलीपोर्ट के लिए जमीन देने के लिए भू-स्वामी को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला भूस्वामी जमीन को 15 साल के लिए यूकाडा को लीज पर दे सकता है, जिसमें यूकाडा डीजीसीए नियमों के तहत हेलीपैड को विकसित करेगा। इसके लिए बदले भू-स्वामी को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया दिया जाएगा।

इसके अलावा संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। दूसरा विकल्प भू-स्वामी स्वयं भी हेलीपैड व हेलीपोर्ट को विकसित कर सकता है। इसके लिए डीजीसीए से लाइसेंस लेकर हेलीपैड का इस्तेमाल करने वालों से शुल्क लेगा। सरकार की ओर से कुल पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

नीति में हेलीपैड के लिए कम से 1,000 वर्गमीटर और हेलीपोर्ट के लिए 4,000 वर्गमीटर जमीन अनिवार्य है। हेलीपैड बनाने के लिए 10 से 20 लाख रुपये तक खर्च और हेलीपोर्ट निर्माण में दो से तीन करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यदि भूस्वामी स्वयं हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाता है तो इस पर सरकार सब्सिडी देगी, जिसका भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed