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आखिर कब तक होते रहेंगे तबादले! चुनाव से पहले तबादले और चुनाव के बाद भी तबादलों का दौर नहीं बनने दे रहा विकास की रफ्तार…

सीएम धामी बोले चारधाम तीर्थयात्रा को लेकर कई चुनौतियां थीं , अधिकारियों ने व्यवस्था बेहतर ढंग से संभाली

सीएम धामी बोले चारधाम तीर्थयात्रा को लेकर कई चुनौतियां थीं , अधिकारियों ने व्यवस्था बेहतर ढंग से संभाली

आखिर कब तक होते रहेंगे तबादले!

चुनाव से पहले तबादले और चुनाव के बाद भी तबादलों का दौर नहीं बनने दे रहा विकास की रफ्तार…

देहरादून- उत्तराखंड राज्य के वर्ष-2022 के आम विधानसभा चुनाव होने के बाद बंपर तबादलों का दौर जारी रहा, तो वह चंपावत उपचुनाव के बाद भी जारी है | तबादलों के इस दौर ने अपनी रफ्तार इतनी अधिक पकड़ी हुई है कि उसके आगे विकास की रफ्तार धीमी पड़ती हुई नजर आ रही है | कभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले बंपर स्तर पर हो रहे हैं, तो कभी पुलिस मुख्यालय अपने स्तर से तबादलों को करने में लगा हुआ है| हैरानी की बात यह है कि शासन स्तर पर हो रहे बड़े पैमाने पर तबादला तबादलों से नौकरशाही की कार्यशैली क्या सुधर पाएगी कुछ ऐसे विभाग भी है जहां पर अनेक अधिकारी वर्षों से जमे हुए हैं और उनके तबादले नहीं किए जा रहे हैं ऐसे अधिकारी अपने आकाओं की चापलूसी में लगे हुए नजर आ रहे हैं यही कारण है कि चापलूसी करने वाले अफसर अपनी मनमर्जी अथवा मनमाफिक कुर्सी अथवा स्थान पर विराजमान बने हुए हैं खास बात यह भी है कि अधिकारियों में चुस्त-दुरुस्त कार्यशैली का संचार करने के लिए आखिर क्या उनके तबादले पर तबादले करना ही उचित निर्णय है| लापरवाह बने हुए अधिकारियों की कार्यशैली को सुधारने के लिए तबादले करना ही कोई बेहतर रास्ता नहीं है, बल्कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करके या तो उनके वेतन में कटौती की जानी चाहिए अथवा लापरवाह कार्यशैली को सुधारने के लिए जोरदार अल्टीमेटम शासन को अपने स्तर से देना चाहिए | ताकि कार्यशैली राज्य की अपेक्षित विकास की दिशा में अपेक्षित गति से आगे बढ़ सके|

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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