Tuesday, October 28News That Matters

उत्तराखंड : पांच जिलों में अब बिकेगी नई मेट्रो शराब, अब महंगी हो जाएगी बीयर

उत्तराखंड : पांच जिलों में अब बिकेगी नई मेट्रो शराब, अब महंगी हो जाएगी बीयर

पांच जिलों में नए साल से नई मेट्रो शराब बिकेगी। इस नई शराब को विदेशी मदिरा की दुकानों से बेचा जा सकेगा। उत्तराखंड गढ़वाल के इन पांचों जिलों में देसी शराब की बिक्री नहीं होती है। ऐसे में 40 प्रतिशत तीव्रता वाली इस शराब को देसी और विदेशी शराब के बीच का उत्पाद माना जा रहा है।

इस शराब का निर्माण प्रदेश की डिस्टीलरियों में ही किया जा सकेगा। इसके लिए 31 मार्च से पहले राजस्व समेत विभिन्न नियम कायदे तय कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि गढ़वाल के उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली में देसी शराब की बिक्री नहीं होती है। इन जगहों के लिए अब नई आबकारी नीति में नई तरह की शराब की बिक्री की व्यवस्था की गई है।

इस शराब का नाम मेट्रो होगा। बता दें कि भारत निर्मित अंग्रेजी शराब की तीव्रता 42.8 होती है। जबकि, देसी शराब 36 और 25 प्रतिशत की तीव्रता की होती है। लेकिन, मेट्रो की तीव्रता 40 प्रतिशत होगी। यानी इसमें एल्कोहल की मात्रा 40 प्रतिशत होगी है। ऐसे में लंबे समय से इन जनपदों में देसी शराब की बिक्री न होने के चलते इसे देसी का ही विकल्प माना जा रहा है। हालांकि, इसके लिए अलग से ठेके नहीं खोले जाएंगे। इसे विदेशी मदिरा दुकानों से ही खरीदा जा सकेगा।

आगामी 31 मार्च मेट्रो शराब की आपूर्ति दर, देय एमजीडी, एक्साइज ड्यूटी, थोक लाइसेंस संबंधी नियम काये तय कर दिए जाएंगे। मेट्रो शराब फलों और वनस्पतियों के स्वाद से युक्त उच्च गुणवत्ता युक्त स्प्रिट से प्रदेश की डिस्टीलरियों में ही बनेगी। इसके अलावा भी नई आबकारी नीति में कई तरह की नई व्यवस्थाएं की गई हैं। देसी शराब की दुकानों पर समुद्र आयातित बीयर की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, इन दुकानों से देश में निर्मित बीयर को बेचा जा सकेगा।

नए वित्तीय वर्ष से बीयर महंगी होने जा रही है। इस बार बीयर को अधिभार की परिधि में लाया गया है। इसके साथ ही इस पर हैंडलिंग चार्ज भी लगाया गया है। इससे माना जा रहा है कि सभी तरह की बीयर पहले से काफी महंगी हो जाएगी। इसके साथ ही शराब के दामों पर भी इस बार असर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि नई व्यवस्थाओं से प्रदेश में शराब पहले से अधिक महंगी हो जाएगी। नशा विरोधी प्रचार प्रसार के लिए इस बार एक करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

दुकानदार अपनी शराब को जिले और प्रदेश में कहीं भी ले जा सकते हैं। इसके लिए जिले में यदि किसी दूसरी दुकान पर ले जाना है तो 50 रुपये प्रति पेटी शुल्क देना होगा। जबकि, जिले से बाहर ले जाने के लिए इस शुल्क को 100 रुपये किया गया है। परिवहन के लिए आबकारी आयुक्त से अनुमति ली जाएगी। हालांकि, इस परिवहन की ओर से इसको तभी किया जा सकेगा जब राजस्व की हानि न होने की गारंटी दी जाए।

दरअसल, विभिन्न तरह की शिकायतों पर अन्य विभाग भी शराब के ठेकों पर चेकिंग कर सकते हैं। मसलन टैक्स, पुलिस आदि। लेकिन, अब इसकी अनुमति शर्तों के साथ दी जाएगी। इसके लिए 48 घंटे पहले जिलाधिकारी से अनुमति ली जाएगी। इसके बाद ही चेकिंग की जा सकती है। ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि यदि अनियमितताओं की शिकायत आज है तो दो दिन बाद वह रहेंगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *