डाडा जलालपुर बवाल मामले के बाद अभिभावक चिंतित, शिक्षकों को एहतियात बरतने के निर्देश|
डाडा जलालपुर बवाल मामले के बाद अभिभावक चिंतित, शिक्षकों को एहतियात बरतने के निर्देश|
भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में शनिवार की रात हुई पत्थरबाजी और आगजनी की घटना के बाद क्षेत्र में डर और दहशत का माहौल है। आज स्कूल पर लटके ताले तो खुले, लेकिन अभिभावक डरे हुए हैं।
भगवानपुर के डाडा जलालपुर में हुए बवाल के बाद स्कूल पर लटके ताले आज खुले, लेकिन अभिभावकों के मन में अभी भी बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर डर सता रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षकों को सभी जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में शनिवार की रात हुई पत्थरबाजी और आगजनी की घटना के बाद क्षेत्र में डर और दहशत का माहौल है। सड़कों पर पुलिस का पहरा था तो घरों से बाहर निकलने में लोग कतरा रहे थे। कहीं फिर से किसी तरह का बवाल न हो जाए। इसे ध्यान रखते हुए शिक्षा विभाग ने दो गांवों के पांच स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए थे।
एसडीएम भगवानपुर ब्रिजेश कुमार तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी कुंदन सिंह ने सोमवार और मंगलवार को स्कूल बंद रखे। खंड शिक्षा अधिकारी कुंदन सिंह ने बताया कि डाडा जलालपुर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, डाडा पट्टी गांव के राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल और राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं फरकपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मंगलवार तक बंद रखे गए। आज बुधवार को स्कूल खुले। शिक्षकों को सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
छतों पर जमा पत्थर कर रहे सुनियोजित साजिश का इशारा
चंद मिनटों के विवाद में जिस तरह छतों से पत्थर बरसाए गए और इसके बाद जांच में छतों पर से पत्थर भी बरामद किए गए। इससे यह काफी हद तक माना जा रहा है कि इसके पीछे सुनियोजित साजिश रही होगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस बवाल के पीछे की पूरी कहानी को साफ करने के लिए पुलिस ने साक्ष्य भी जुटा लिए हैं। डाडा जलालपुर में हुई घटना के बाद पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। वहीं, इस बात की प्रबल आशंका जताई जा रही है कि आसपास के घरों की छतों पर मिले ईंट पत्थर से कि पथराव की घटना पूर्व नियोजित थी। इस आशंका को इसलिए और भी बल मिल रहा है क्योंकि अन्य प्रदेशों में भी इसी तरीके से घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। जिसके चलते इस घटना ने उत्तराखंड को भी देशभर में सुर्खियों में ला दिया है।
दूर तक फैले निशां बता रहे थे गंभीर साजिश |
इस मामले की गूंज दून भी चली गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने भी आला अधिकारियों को जल्द से घटना के पीछे के तथ्यों को खुलासा करने के आदेश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद पुलिस ने आसपास के घरों की छतों की तलाशी ली तो ईंट और पत्थर मिले हैं। इस बाबत डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नग्नयाल ने बताया कि मामले की बारीकि से जांच की जा रही है। किसी को भी अशांति फैलाने का अधिकार नहीं दिया जाएगा। इस घटना में जो लोग दोषी है, उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। साथ ही घटना के बाबत सभी साक्ष्य एकत्र कर लिए गए हैं। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। गांव में पथराव के बाद दूर तक सड़क पार ईंट और पत्थर फैले हुए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पथराव काफी देर और जबरदस्त हुआ होगा। वहीं, पथराव के बाद गांव में लोगों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए और छतों पर आ गए थे। पुलिस के पहुंचने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। यही नहीं पुलिस की मौजूदगी के बाद एक बार फिर रात करीब बारह बजे पथराव के साथ वाहनों के आग लगा दी गई।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |