राजधानी में घूमता हुआ आईना…
राजधानी में घूमता हुआ आईना…
सीवर लाइन की समस्याएं दे रही है परेशानियां
शहर के मुख्य मार्गों पर ओवर फ्लो सीवर की समस्याओं से फैल रही दुर्गंध
देहरादून – राजधानी के मुख्य सड़क मार्गों पर अनेक जगह आए दिन सीवर की ओवरफ्लो समस्याएं परेशानियां खड़ी करने में पीछे नहीं है | सीवर लाइन के के मेन हॉल में उनके चोक होने के कारण सीवर लाइन की समस्या उत्पन्न होती रही है | इस प्रकार की समस्याएं शहर भर में विभिन्न जगहों पर होते रहने के कारण न सिर्फ राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि वाहन चालकों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के कार्यों में भी व्यवधान उत्पन्न होता है| सबसे बड़ी बात यह है कि सीवर लाइन के चोक होने के मामलों से दुर्गंध फैल जाती है जिससे कि विभिन्न संक्रामक रोग उत्पन्न होने का अंदेशा बना रहता है| खास बात यह है कि आए दिन सीवर लाइन के ओवरफ्लो होने के मामले आखिर क्यों बढ़ते रहते हैं |इसके पीछे मुख्य कारण यही समझा जा रहा है कि संबंधित विभाग जल संस्थान के कर्मचारी सीवर लाइन की समस्या का समाधान करने में लापरवाही बरतते हैं| बताया जाता है कि जल संस्थान के यह कर्मचारी सीवर लाइन से संबंधित समस्या को दूर करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं और जैसे-तैसे कार्य को निपटा कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं| अक्सर विभाग के अधिकारियों को सीवर लाइन की समस्या को लेकर जनता की ओर से खरी-खोटी सुनने को भी मिलती रहती है | कहने का अभिप्राय यह है कि सीवर लाइन तथा उसके मेन हॉल की सफाई अथवा तथा गंदगी की निकासी का कार्य सही ढंग से नहीं किया जाता है, जिससे कि सीवर संबंधी समस्याएं अथवा उनके ओवरफ्लो होने के मामले आए दिन होते रहते हैं और जनता तथा वाहन चालकों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है | यह भी जानकारी में आया है कि जब कभी किसी कॉलोनी एवं मोहल्ले में सीवर लाइन के चोक होने अथवा ओवरफ्लो होने का मामला सामने आता है तथा जल संस्थान के कर्मचारियों को उस समस्या के समाधान हेतु बुलाया जाता है, तो कर्मचारी अक्सर सफाई के नाम पर रुपयों की मांग करते हैं| हालांकि उन्हें सीवर लाइन की समस्या के समाधान कराने की एवज में अक्सर लोग कुछ रुपए भी दे देते हैं ताकि समस्या से निजात मिल सके, लेकिन जल संस्थान के कर्मचारियों का यह रवैया क्या सही है? इसको लेकर सीधे जल संस्थान की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो जाते हैं|
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |