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देहरादून गैंगरेप केस के बाद हरकत में आया रोडवेज प्रबंधन, ड्राइवर-कंडक्टरों का पुलिस सत्यापन होगा अनिवार्य

आईएसबीटी परिसर में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी धूमिल हुई साख को सुधारने में जुट गया है। देहरादून डिपो की सहायक महाप्रबंधक अमिता सैनी ने सभी कर्मचारियों को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है निगम के प्रति यात्रियों का जो विश्वास बना है उसे टूटना न दिया जाए। भविष्य में दोबारा ऐसी घटना न हो निगम के सभी अधिकारी, कर्मचारी, वाहन स्वामी व अनुबंधित कर्मचारी अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का ठीक से निर्वहन करें।निगम की छवि को बेहतर बनाने के लिए संकल्प लेना होगा। कहा, आईएसबीटी परिसर में कोई अनुबंधित वाहन संचालन के निर्धारित समय के अलावा खड़ा न किया जाए। पार्किंग या अनावश्यक रूप से वाहन खड़ा करने पर उसे सीज किया जाएगा। डिपो से संचालित सभी अनुबंधित वाहनों के चालक का पूर्ण विवरण एवं उनके दस्तावेज की एक-एक प्रति रिकार्ड में रखी जाए। उनका पुलिस सत्यापन रिपोर्ट कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।

सामूहिक दुष्कर्म में शामिल उत्तराखंड परिवहन निगम के विशेष श्रेणी परिचालक देवेंद्र कुमार और विशेष श्रेणी चालक राजपाल सिंह की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। परिवहन निगम की कमेटी ने दोनों की सेवा समाप्ति पर मुहर लगा दी। यह दोनों परिवहन निगम के विशेष श्रेणी कर्मचारी हैं। पहले यह किसी सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से रखे गए थे। बाद में इन्हें विशेष श्रेणी कर्मचारी बनाया गया। विशेष श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई नहीं की जा सकती। इन पर आरोप लगने के बाद परिवहन निगम की कमेटी जांच करती है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर पहले इन्हें रूट आफ किया जाता है। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाती है। कमेटी ने बृहस्पतिवार को जांच रिपोर्ट देकर दोनों की सेवा समाप्त कर दी।

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