“रेगिस्तान का जहाज ऊंट” दून की सड़कों पर तलाश रहा दो वक्त की रोटी!
“रेगिस्तान का जहाज ऊंट” दून की सड़कों पर तलाश रहा दो वक्त की रोटी!
देहरादून- बच्चों के लिए भले ही रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाला ऊंट आकर्षण का केंद्र बना हुआ हो, लेकिन ऊंट का स्वामी/संचालक अपने तथा अपने इस जानवर के लिए दो वक्त की रोटी के लिए अपना खून पसीना बहाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है |आजकल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की सड़कों पर जगह-जगह रेगिस्तान का जहाज माना जाने वाला ऊंट बच्चों का मन लुभा रहा है और उनको अपनी पीठ पर बैठा कर यात्रा कराकर दो वक्त की रोटी का प्रबंध करने में लगा हुआ है | बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने इस ऊंट पर बैठकर बच्चे भले ही बहुत ही अधिक आनंदित हो रहे हैं, परंतु भीषण गर्मी तथा शाम के समय घंटों यह ऊंट बच्चों को खुश करने में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ रहा है | भीषण गर्मी के इन दिनों में जहां पर्यटकों से जल क्रीड़ा के केंद्र सहस्त्रधारा, लच्छीवाला, गुछुपानी, मालदेवता आदि स्थल गुलजार हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजधानी देहरादून की सड़कों पर रेगिस्तान का जहाज बना यह ऊंट बच्चों को जमकर खुशी की आगोश में झूमता हुआ दिखाई दे रहा है| ऊंट की सवारी का आनंद लेने वाले बच्चों के अभिभावक भी बेहद खुश हैं और वे ऊंट की सवारी बच्चों को कराने के लिए अनेक स्थानों पर उसका इंतजार भी करते आ रहे हैं I बहरहाल, ऊंट और उसका स्वामी दोनों ही दो वक्त की रोटी कमाने के लिए बच्चों को शहर की सड़कों व गली मोहल्लों में जाकर मेहनत और मशक्कत के साथ बच्चों को ऊंट की सवारी करा कर अपनी रोटी का इंतजाम प्रतिदिन कर रहे हैं |