उत्तराखंड : आम चुनाव के लिए खास तैयारी, चार गुना बढ़े संवेदनशील बूथ, सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारी कर ली है। 83 लाख से ज्यादा मतदाताओं की चुनाव में भागीदारी बढ़ाने पर खास फोकस किया गया है, तो इस बार सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से की जाएगी।
चुनाव के लिए करीब 25 हजार ईवीएम और 20 हजार वीवीपैट का पहले चरण का निरीक्षण भी पूरा किया जा चुका है। इस बार लोकसभा चुनाव में 82 लाख 43 हजार 423 मतदाता और 93 हजार 357 सर्विस मतदाता मिलाकर कुल 83 लाख 36 हजार 780 मतदाता हैं। पिछले चुनाव में इनकी संख्या 78 लाख 56 हजार 268 थी। इनके लिए प्रदेश में 11 हजार 729 मतदेय स्थल बनाए गए हैं।
निर्वाचन कार्यालय की ओर से चुनाव में इस्तेमाल करने से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट का प्रथम चरण का निरीक्षण पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण का निरीक्षण चुनाव पर्यवेक्षकों के समक्ष किया जाएगा। इन मशीनों का संचालन करने वाले कार्मिकों का प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से अबकी सभी सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से की जा रही है, जिसमें राज्य के अकाउंट भी आएंगे।
इन पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट होने पर उसे हटाने, अकाउंट को ब्लॉक करने तक की कार्रवाई भी की जा सकती है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से इस बार सर्विस मतदाताओं का मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर भी फोकस किया गया है। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों को विशेष अनुरोध किया गया है। जिलावार सर्विस मतदाताओं की सूची मांगी गई है।
प्रदेश में 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदेय स्थलों की संख्या में करीब चार गुना का इजाफा दर्ज किया गया है। पिछले चुनाव में प्रदेश में 1904 ऐसे मतदेय स्थल थे, जिनकी संख्या बढ़कर 8,780 हो गई है। पिछले चुनाव में 1,200 संवेदनशील, 704 अति संवेदनशील मतदेयस्थल थे, जबकि इस बार 7,200 संवेदनशील और 1580 अति संवेदनशील मतदेय स्थल हैं।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |