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उत्तराखंड : सीएम धामी का निर्देश , केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह का सहयोग दें, समन्वय हो बेहतर

उत्तराखंड : सीएम धामी का निर्देश , केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह का सहयोग दें, समन्वय हो बेहतर

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उत्तराखंड : सीएम धामी का निर्देश , केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह का सहयोग दें, समन्वय हो बेहतर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग की टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के अभियान जुटी केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह से सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय से विषम हालात से निपटा जा सकता है। इंदौर चुनाव प्रचार में गए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दूरभाष पर निर्देश दिए। उनके बुधवार रात को ही देहरादून लौटने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राहत एवं बचाव कार्य की अब तक प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत एवं बचाव अभियान में जितने विभाग शामिल हैं, उन्हें हाई अलर्ट पर रखा जाए। उन्होंने एजेंसियों के साथ समन्वय बनाने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर श्रमिकों के परिजनों व सह कर्मचारियों की ...
उत्तराखंड : उत्तकाशी में देर रात महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.1 रही तीव्रता

उत्तराखंड : उत्तकाशी में देर रात महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.1 रही तीव्रता

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उत्तराखंड : उत्तरकाशी में देर रात महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.1 रही तीव्रता उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किये गए। भारतीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप देर रात दो बजकर दो मिनट पर आया। रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 3.1 दर्ज की गई। किसी नुकसान की सूचना नहीं है। वहीं, भूकंप का केंद्र मोरी अन्तर्गत सांकरी के सिंगतूर रेंज के वन क्षेत्र में जमीन से पांच किमी नीचे था। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप विज्ञानियों की मानें तो उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में हैं। इसलिए बार-बार भूकंप की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |...
उत्तराखंड : उत्तरकाशी में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, सहयोग के लिए पहुंचे यूपी और झारखंड की टीम

उत्तराखंड : उत्तरकाशी में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, सहयोग के लिए पहुंचे यूपी और झारखंड की टीम

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उत्तराखंड : उत्तरकाशी में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, सहयोग के लिए पहुंचे यूपी और झारखंड की टीम उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। गुरुवार को भी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन जारी है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू और समन्वय बनाने के लिए विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के दल उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं। झारखंड से जैप आईटी के मुख्य कार्यकारी अ​धिकारी भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम आई। इस टीम ने उत्तरकाशी में यहां अधिकारियों से श्रमिकों के बचाव को लेकर बात की। साथ ही सुरंग में काम करने वाले झारखंड निवासी श्रमिकों से भी बातचीत की। इसके अलावा सुरंग के अंदर फंसे झारखंड निवासी विश्वजीत कुमार वर्मा, सुबोध कुमार वर्मा का हालचाल जाना। झारखंड के अधिकारियों ने खोज बचाव अभियान तथा स्वजन को ढांढस देने में पूरा सहयोग क...
उत्तराखंड : सुरंग में फंसे मजदूरों ने कागज पर इच्छा लिख पाइपलाइन से भेजी बोले, खाना कम हो पर ऑक्सीजन की कमी मत करना

उत्तराखंड : सुरंग में फंसे मजदूरों ने कागज पर इच्छा लिख पाइपलाइन से भेजी बोले, खाना कम हो पर ऑक्सीजन की कमी मत करना

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उत्तराखंड : सुरंग में फंसे मजदूरों ने कागज पर इच्छा लिख पाइपलाइन से भेजी बोले, खाना कम हो पर ऑक्सीजन की कमी मत करना यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर रविवार सुबह करीब आठ बजे दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे, लेकिन ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया। सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा धीरे-धीरे गिरता देख पांच मजदूर तो बाहर भाग गए लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए। बीते रविवार रात जब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से पहली बार वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क हुआ तो उन्होंने खाना मांगा था। यह इच्छा उन्होंने एक कागज पर लिखकर पाइपलाइन के जरिए भेजी थी। इसके साथ ही मजदूरों ने यह भी कहा था कि खाने की भले कमी हो जाए लेकिन ऑक्सीजन की कमी मत करना। इसके साथ ही उन्होंने तंबाकू भेजने...
उत्तराखंड : शुभ मुहूर्त में बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, यमुनोत्री व केदारनाथ के कपाट भी बंद करने की तैयारी

उत्तराखंड : शुभ मुहूर्त में बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, यमुनोत्री व केदारनाथ के कपाट भी बंद करने की तैयारी

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उत्तराखंड : शुभ मुहूर्त में बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, यमुनोत्री व केदारनाथ के कपाट भी बंद करने की तैयारी विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर मंगलवार दोपहर 11.45 बजे पर शीतकाल के लिए विधिविधान से बंद किए गए जिसके बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को भैयादूज पर बंद होंगे। वहीं शीतकाल के लिए भगवान बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस बार उत्तराखंड में चारधाम तीर्थयात्रा ने अपना रिकार्ड बनाया है। 13 नवंबर तक चारों धामों में 55.89 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। गंगोत्री धाम में भी इस बार तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ा और नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2022 में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर स...
उत्तराखंड : टनल हादसे पर पीएम मोदी ने ली जानकारी, केंद्रीय एजेंसियों को दिया सहयोग करने का निर्देश

उत्तराखंड : टनल हादसे पर पीएम मोदी ने ली जानकारी, केंद्रीय एजेंसियों को दिया सहयोग करने का निर्देश

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उत्तराखंड : टनल हादसे पर पीएम मोदी ने ली जानकारी, केंद्रीय एजेंसियों को दिया सहयोग करने का निर्देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तरकाशी की घटना की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट साझा कर यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी ने लिखा, ‘लेपचा, हिमाचल प्रदेश से लौटते ही आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोन के माध्यम से आज उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल निर्माण के समय मलबा आने की वजह से टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए संचालित बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं वस्तु स्थिति से अवगत कराया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस दुर्घटना से निपटने हे...
उत्तराखंड : उत्तरकाशी में भूस्खलन से सुरंग में फंसे मजदूर, संकट में कई जानें

उत्तराखंड : उत्तरकाशी में भूस्खलन से सुरंग में फंसे मजदूर, संकट में कई जानें

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उत्तराखंड : उत्तरकाशी में भूस्खलन से सुरंग में फंसे मजदूर, संकट में कई जानें दिवाली के दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुबह-सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। यहां कई लोगों की जान संकट में फंसी है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन होने से यहां काम कर रहे लगभग 36 मजदूर दब गए। पुलिस प्रशासन रेस्क्यू में जुटा है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी कर रही है। बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 36 से ज्यादा मजूदर फंसे हैं। जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने इसकी पुष्टि की है। भले अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सुरंग के अंदर कुल कितने श्रमिक फंसे हैं। कंपनी की ओर से मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। मौके पर पांच 108 एंबुलेंस तैनात की गई हैं। यहां दिन रात काम चल रहा था। सुरंग निर्माण में करीब एक हजार मजदूर लगे थ...
उत्तराखंड : गंगोत्री धाम में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या नौ लाख के पार, टूटे सारे रिकॉर्ड

उत्तराखंड : गंगोत्री धाम में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या नौ लाख के पार, टूटे सारे रिकॉर्ड

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उत्तराखंड : गंगोत्री धाम में पहली बार तीर्थयात्रियों की संख्या नौ लाख के पार, टूटे सारे रिकॉर्ड यह पहला अवसर है जब चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों का हुजूम उमड़ा है। 2023 की चारधाम यात्रा ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। खासकर इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बना है। गंगोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या का आंकड़ा नौ लाख के पार पहुंच गया है, जबकि यमुनोत्री धाम में 7.33 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। इससे तीर्थ पुरोहितों सहित चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारी और व्यवसायी काफी खुश हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद होने हैं। ऐसे में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुले थे, जिसके बाद चारधाम यात्रा...
उत्तराखंड : 14वीं शताब्दी में बने शनि मंदिर की दीवार दरकी, सड़ने लगी चिनाई में इस्तेमाल लकड़ी

उत्तराखंड : 14वीं शताब्दी में बने शनि मंदिर की दीवार दरकी, सड़ने लगी चिनाई में इस्तेमाल लकड़ी

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उत्तराखंड : 14वीं शताब्दी में बने शनि मंदिर की दीवार दरकी, सड़ने लगी चिनाई में इस्तेमाल लकड़ी मां यमुना के मायके व शीतकालीन प्रवास खरशालीगांव स्थित पौराणिक शनि मंदिर खतरे में है। 14वीं शताब्दी में लकड़ी पत्थर से बने साढ़े चार मंजिला शनि मंदिर की दीवार चटकने के साथ चिनाई में प्रयुक्त लकड़ी सड़ने लग गई है। जिसके चलते मंदिर के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। पिछले साल मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशालीगांव स्थित पौराणिक शनि मंदिर की बुनियाद को काफी नुकसान हुआ था। जिसे थोड़ा बहुत ठीक किया गया। लेकिन खतरा अब भी बरकरार है। गुजाखुंटी की पारंपरिक तकनीक से कट पत्थर और थुनेर की लकड़ियों के सड़ने से मंदिर के दीवारों के पत्थर खिसकने लगे हैं। पारंपरिक भूकंप रोधी तकनीक से निर्मित यह मंदिर अब तक कई बड़े भूकंप के झटके झेल चुका है। लेकिन भूकंप से तो नहीं पर अब सरकारी सिस्टम की उपेक्षा के चलत...
उत्तराखंड : दो दशक बाद छात्राओं ने लिया प्रवेश यहां सब पढ़ रहे संस्कृत, अब जाति व धर्म का बंधन नहीं

उत्तराखंड : दो दशक बाद छात्राओं ने लिया प्रवेश यहां सब पढ़ रहे संस्कृत, अब जाति व धर्म का बंधन नहीं

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उत्तराखंड : दो दशक बाद छात्राओं ने लिया प्रवेश यहां सब पढ़ रहे संस्कृत, अब जाति व धर्म का बंधन नहीं उत्तराखंड में उत्तरकाशी जनपद के एक मात्र संस्कृत डिग्री कॉलेज श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय में अब किसी भी जाति व धर्म के छात्र संस्कृत शिक्षा ले सकते हैं। इसी साल पहली बार यहां एक अनुसूचित जाति के छात्र को प्रवेश दिया गया है। वहीं दो दशक बाद महाविद्यालय में छात्राओं की भी वापसी हुई है। जिला मुख्यालय में श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना 1953 में स्व. ब्रह्मस्वरूपानंद ने 5 से 7 छात्रों के साथ की थी। आज यह महाविद्यालय दो वर्गों कक्षा छह से उत्तर मध्यमा तथा शास्त्री व आचार्य में संचालित हो रहा है जिसमें 400 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। अब तक यहां सामान्य वर्ग के छात्र ही संस्कृत शिक्षा ग्रहण करते थे लेकिन पहली बार इसी साल यहां एक अनुसूचित जाति के छात्र को भी महाविद्यालय प्रशा...