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उत्तराखंड : अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से बढ़ गयी है परेशानी , इलाज के लिए लंबा हुआ इंतज़ार

उत्तराखंड : अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से बढ़ गयी है परेशानी , इलाज के लिए लंबा हुआ इंतज़ार

बागेश्वर के जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी हो गई है। बेहोशी के डॉक्टर नहीं होने से ऑपरेशन पर ब्रेक लगा है। रोगियों को दूसरे जिले को रेफर किया जा रहा है। जबकि होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सक भी नहीं है।

लोगों ने व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की है। जिला अस्पताल में नियुक्त डा. राहुल मिश्रा, डा. कपिल तिवारी, डा. नितिन, डा. मुदित पटेल, डा. आशा आदि पीजी करने चले गए हैं। उनके स्थान पर कोई अन्य चिकित्सक की नियुक्ति नहीं है। जबकि डा. ऋतु भंडारी काम छोड़कर चलीं गई हैं। जनरल सर्जन डा. महिला टीएनएम से नियुक्ति थीं। वह भी अनुबंध पूरा होने पर चलीं गई हैं।

पैथालाजिस्ट रश्मि कूट, बेहोशी चिकित्सक संजय कूट टीएनएम से थे। वह भी वर्तमान में अन्यत्र चले गए हैं। जिला अस्पताल रेफरल सेंटर की भूमिका निभा रहा है। जिसके कारण रोगियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्हें अन्य जिलों में उपचार के लिए जाना पड़ रहा है। जिसमें उनका धन और समय बर्बाद हो रहा है।

जिला अस्पताल के भवनों की मरम्मत काफी धीमी गति से चल रही है। ओटी नहीं बनने से ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। मोतियाबिंद के 135 लोग ऑपरेशन की लाइन पर हैं। उन्हें अल्मोड़ा जिला रेफर करना पड़ रहा है। बेहोशी के चिकित्सक नहीं होने से जिले में अन्य ऑपरेशन भी फिलहाल स्थगित हैं। जिसके कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

डा विनोद कुमार टम्टा, सीएमएस जिला अस्पताल का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है। चिकित्सकों की कमी को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। भवनों की मरम्मत शीघ्र करने के निर्देश संबंधित संस्था को दिए गए हैं।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

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