Sat. Nov 23rd, 2024

दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर

करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

देहरादून-  उत्तराखंड राज्य की राजधानी दून में यातायात की समस्या इतनी बुरी तरह से चरमराई हुई है कि सुबह होते ही शहरी क्षेत्र की सड़कों पर जाम ही जाम नजर आने लगता है | यह सिलसिला देर शाम तक रुकता नहीं है और बदस्तूर जारी रहता है| जाम का झाम जी का जंजाल बनता जा रहा है | हैरानी की बात यह है कि यातायात व्यवस्था को सुधारने एवं व्यवस्थित करने के लिए पिछले करीब एक दशक अथवा 10 वर्षों में दर्जनों ट्रैफिक प्लान बनाए गए और उन्हें धरातल पर उतारकर कई रूट डाइवर्ट करके पुलिस महकमे के आला अफसरों ने सकारात्मक व सुविधाजनक करने के प्रयास किए, लेकिन ट्रैफिक सुधार के यह प्लान विफल ही साबित हुए|नतीजा यह रहा कि जनता और वाहन चालकों को जाम के कारण घंटो-घंटो तक जाम में फंसना पड़ता है | हैरानी की बात यह भी है कि राज्य की राजधानी होने के नाते पूरी सरकार यहीं से अपने कामकाज करती है और वीवीआइपी तथा वीआईपी के वाहन और उनके काफिले इन्हीं जाम वाली सड़कों से होकर अक्सर गुजरते हैं | इन वीवीआईपी और वीआईपी वाहनों और सरकार तथा मंत्रियों-विधायकों के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के वाहन भी इसी जाम के झाम में अक्सर फंसते रहते हैं, लेकिन समाधान आज तक परवान नहीं चढ़ पाया है | मुख्य बात तो यह है कि करीब-करीब प्रतिदिन दून के शहरी क्षेत्र की सड़कों से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री का काफिला ही नहीं गुजरता, बल्कि महामहिम राज्यपाल तथा अन्य महानुभावों के वाहनों का भी आवागमन होता है |इन वीवीआइपी के काफिले सड़कों से गुजरने पर जाम की स्थिति और भी बदहाल हो जाती है| क्योंकि वीवीआइपी वाहनों को उनके गंतव्य स्थानों तक जाने के लिए पुलिस प्रशासन को कई जगह भिन्न-भिन्न समय अनुसार सामान्य यातायात को अवरुद्ध करना पड़ता है | ऐसा होने से जाम की स्थिति और भी अव्यवस्थित होकर रह जाती है | बीते कुछ वर्षों में देहरादून को कई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मिले और उन्होंने भी राजधानी दून की यातायात व्यवस्था और समस्या का समाधान निकालने के भरसक प्रयास करते हुए नए ट्रैफिक प्लान रूट तैयार किए, लेकिन वह सभी फ्लॉप ही साबित हुए |देहरादून में कुछ वर्ष पूर्व आईपीएस अधिकारी केवल खुराना ने जब राजधानी दून के नए एसएसपी की कमान संभाली थी, तब उन्होंने भी बदहाल यातायात व्यवस्था को सुधारने का बीड़ा उठाया था, इसी के तहत मुख्य बाजारों धामावाला व पलटन बाजार में भी दुपहिया वाहन पार्किंग कभी नया रूप दिया गया था लेकिन कप्तान केवल खुराना का यह प्लान कामयाब नहीं रहा और स्थिति पूर्ववत बदहाल ही बनी रही|केवल खुराना ट्रैफिक पुलिस के डीआईजी भी बने थे और उन्होंने तब भी शहर की मुख्य सड़कों वाली यातायात व्यवस्था को सुधारने के फार्मूले अपनाएं, परंतु वे टाय टाय फिस होकर रह गए |आज हाल यह है कि राजधानी दून की सड़कों पर जाम की समस्या प्रतिदिन सुबह होते ही प्रारंभ हो जाती है, जो कि देर शाम तक बदस्तूर चलती है |राजपुर रोड, घंटाघर, दर्शन लाल चौक, चकराता रोड, बल्लूपुर चौक, कावली रोड, रेलवे स्टेशन रोड, गांधी रोड, बल्लीवाला, पंडितवाड़ी प्रेमनगर, जीएमएस रोड, पटेल नगर, माजरा से आईएसबीटी के अलावा हरिद्वार रोड, रिस्पना पुल, जोगीवाला आदि मुख्य मार्ग जाम के झाम में प्रतिदिन रहते हैं I राजधानी दून में जाम की यह समस्या काफी ज्यादा विकराल रूप धारण कर चुकी है I यातायात की बदहाली को सुधारने के लिए छोटे से लेकर बड़े पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने अब तक काफी प्रयास किए हैं, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है | जो कि आज भी राम भरोसे ही है | सवाल यह है कि देहरादून की बदहाल चली आ रही ट्रैफिक व्यवस्था आखिर कौन और किस तरह से सुधरेगा? अथवा यह स्थिति यूं ही चलती रहेगी?

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed