उत्तराखंड : वर्टिकल ड्रिलिंग का काम हुआ तेज, यूएसए से आएगी ओएनजीसी की ड्रिलिंग मशीन
उत्तराखंड : वर्टिकल ड्रिलिंग का काम हुआ तेज, यूएसए से आएगी ओएनजीसी की ड्रिलिंग मशीन
सिलक्यारा सुरंग के निकट वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए आरवीएनएल ने तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए कुछ मशीन पहुंच गई हैं, जबकि अन्य मशीनें मगंवाई गई हैं। बैकअप मशीनें ओडिशा से लाई जा रही हैं। ओएनजीसी ने भी बड़कोट की ओर से वर्टिकल ड्रिलिंग को कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
ओएनजीसी वर्टिकल बोरिंग के लिए अमेरिका, मुंबई और गाजियाबाद से मशीनरी जुटा रही है। टीएचडीसी, सेना, कोल इंडिया और एनएचआइडीसीएल की संयुक्त टीम मैनुअल-अर्ध यंत्रीकृत विधि से ड्रिफ्ट टनल बनाएगी। सुरंग के अंदर बहाव पैदा करने के लिए काम चल रहा है।
सुरंग के अंदर सिलक्यारा की तरफ से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है। मशीन के लिए प्रोटेक्शन कैनोपी का निर्माण किया गया है। मशीन का संचालन दिल्ली से आए ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विस के आपरेटर कर रहे हैं।
बड़कोट छोर से सुरंग में 483 मीटर हिस्से में माइक्रो सुरंग का निर्माण टीएचडीसी ने सोमवार रात शुरू किया था। मंगलवार रात तक यहां आठ मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी थी और शाट क्रीट का काम चल रहा। जबकि, बलास्टिक मशीन के तार में तकनीकी दिक्कत आने से बलास्टिक का काम रुका हुआ है।
ऋषिकेश व्यासी से आरवीएनएल की ड्रिलिंग मशीन दोपहर 12 बजे सिलक्यारा पहुंच गई थी। लेकिन, यमुनोत्री राजमार्ग पर पुलिया की जर्जर स्थिति के कारण 85 टन की यह मशीन कार्यस्थल पर देर शाम को पहुंच पाई। इसके लिए एप्रोच रोड तैयार करनी पड़ी।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |