Tuesday, July 1News That Matters

उत्तराखंड: अब रिवर ड्रेजिंग पर रहेगी ड्रोन कैमरे की नजर, होगी वीडियोग्राफी

उत्तराखंड: अब रिवर ड्रेजिंग पर रहेगी ड्रोन कैमरे की नजर, होगी वीडियोग्राफी

उत्तराखंड की नदियों में रिवर ड्रेजिंग के तहत होने वाले खनन कार्यों पर अब ड्रोन कैमरे की नजर रहेगी। इस पूरे कार्य की वीडियोग्राफी करानी होगी। अवैध खनन रोकने और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के लिए उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति में इस संशोधन प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री अपने विशेषाधिकार के तहत पहले ही इसकी अनुमति दे चुके थे।

संशोधन के मुताबिक, ड्रेजिंग कार्यों के लिए मशीनों का प्रयोग हो सकेगा। प्रत्येक एक महीने में अनुज्ञा समाप्ति पर स्वीकृत अनुमति क्षेत्र का ड्रोन फोटग्राफ की एक प्रति जिलाधिकारी कार्यालय, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय व जिला कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ड्रोन तस्वीरों में किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

इसके अलावा रिवर ड्रेजिंग नीति के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति मलबा, आरबीएम, सिल्ट निकालने के लिए छह माह की अनुमति देने का प्रावधान था। लेकिन अब ऐसे लंबित मामले, जिनमें अनुज्ञा प्राप्त करने वह व्यक्ति जिसने सारी रायल्टी जमा कर दी है, उसे तीन माह की तक की अनुमति प्रदान की जा सकती है। ऐसे मामलों पर विचार किया जा सकेगा, जिनमें उपखनिज की निकासी का कार्य अपरिहार्य कारणों की वजह से समय पर शुरू नहीं किया जा सका हो।

कैबिनेट ने स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर, मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट, पल्वराइजर प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, रेडिमिक्स प्लांट की नीति 2021 से पूर्व आवेदन करने वालों को दूरी संबंधी मानकों में छूट दी है। उन पर 2020 की नीति में निर्धारित मानक ही लागू होंगे। यह सुविधा उन्हीं को मिलेगी, जिन्होंने जिलाधिकारी की सिफारिश से अपने प्रस्ताव खनन विभाग व शासन को प्रस्तुत कर दिए हैं।

कैबिनेट ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पुनर्गठित ढांचे में सात अतिरिक्त पद को स्वीकृति प्रदान की है। खनन अधिकारियों के पद मिलने से विभाग को अवैध खनन पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *