Sat. Oct 19th, 2024

अब्दुल रहमान मक्की कौन ? जिसे कर दिया गया वैश्विकआतंकी घोषित,चीन भी नहीं कर सका मदद |

अब्दुल रहमान मक्की कौन ? जिसे कर दिया गया वैश्विकआतंकी घोषित,चीन भी नहीं कर सका मदद |

अब्दुल रहमान मक्की कौन ? जिसे कर दिया गया वैश्विकआतंकी घोषित,चीन भी नहीं कर सका मदद |

अब्दुल रहमान मक्की कौन ? जिसे कर दिया गया वैश्विकआतंकी घोषित,चीन भी नहीं कर सका मदद |

भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि, जून 2022 में चीन ने ऐन मौके पर इसे रोक दिया। लेकिन इस बार चीन ने भी हाथ खींच लिया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को अपनी आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद सबसे बड़ा झटका जहां पाकिस्तान को लगा है वहीं दूसरा झटका आतंकी हाफीज सईद को लगा है। दरअसल, मक्की हाफीज सईद का बहनोई है। आइए जानते हैं अब्दुल रहमान मक्की कौन है जिसे वैश्विक आतंकी घोषित करने से इस बार चीन भी नहीं रोक सका?…

आखिर कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
अब्दुल रहमानी मक्की 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सदस्य है। मक्की पाकिस्तान इस्लामिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन अहल-ए-हदीस के अलावा लश्कर-ए-तोएबा में भी दबदबा रखता है। मक्की हाफीज सईद का सबसे खास रिश्तेदार था जो कि उसके काले खेल में हमेशा वफादारी से साथ देता था। भारत के खिलाफ साजिश रचने में मक्की हमेशा आगे रहता था। मुंबई को दहलाने में मक्की ने भी खतरनाक साजिश रची थी। वह धन जुटाने, भर्ती करने और भारत में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहा है। वह अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) लश्कर के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभा रहा है। उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है।

जून 2022 में चीन ने किया था बचाव लेकिन इस बार एक भी न चली
दरअसल, 16 जून 2022 को चीन ने पाकिस्तानी खूंखार आतंकी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में रोक दिया था। लेकिन इस बार वैश्विक दबाव और काफी सबूत मौजूद होने के चलते चीन को झुकना पड़ा।

भारत और अमेरिका पहले ही घोषित कर चुके हैं आतंकी
भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि, जून 2022 में चीन ने ऐन मौके पर इसे रोक दिया।

संपत्ति जब्त होगी, यात्रा पर लगेगा प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि 16 जनवरी 2023 को सुरक्षा परिषद समिति ने आईएसआईएल (दाएश), अल-कायदा, और संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं से संबंधित संकल्प 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) के अनुसार इसे मंजूरी दे दी। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2610 (2021) के पैरा 1 में निर्धारित और अपनाई गई नीति के तहत इनकी संपत्ति जब्त होगी, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगेगा।

2020 में पाकिस्तानी अदालत ने सुनाई थी सजा
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, 2020 में एक पाकिस्तानी आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मक्की को दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई। अतीत में चीन ने विशेष रूप से पाकिस्तान के आतंकवादियों की सूची में बाधाएँ डाली हैं। इसने पाकिस्तान स्थित और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों को बार-बार अवरुद्ध किया था |

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed