Sat. Nov 23rd, 2024

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव लेता जा रहा एक विकराल रूप , मंदिर हुआ धराशायी बढ़ी लोगों की चिंता |

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव लेता जा रहा एक विकराल रूप , मंदिर हुआ धराशायी बढ़ी लोगों की चिंता | उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव विकराल रूप लेता जा रहा है। घरों और सड़कों में पड़ रही बड़ी-बड़ी दरारें लोगों को डरा रही हैं। अभी तक क्षेत्र से किसी हादसे की खबर नहीं थी, लेकिन इसी बीच शुक्रवार को एक मंदिर के धराशायी होने की खबर से लोगों में दहशत बन गई है। जानकारी के अनुसार, सिंहधार वार्ड मे मां भगवती का मंदिर ढह गया। जिसके बाद से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा। उधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। डीएम ने बताया कि नगर में कुल 561 भवनों में दरार आई है। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है। वहीं, शुक्रवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम की ओर से हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। अभी तात्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है। जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए एसडीआरएफ ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां तीन और टीमें तैनात की गई हैं। पहले यहां तीन टीमें तैनात रहती थीं। एसडीआरएफ के अधिकारियों को यहां पल-पल निगरानी के निर्देश पुलिस मुख्यालय ने दिए हैं। बदरीनाथ मास्टर प्लान का कार्य कर रही पीआईयू डिविजन लोनिवि की तकनीकी कार्मिकों की टीम अब जोशीमठ का तकनीकी सर्वे करेगी। यह टीम प्रभावित परिवारों के भवन, होटलों का सर्वे कर नुकसान का आकलन करेगी। अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जेपी कंपनी के आवासीय परिसर में आपदा से अधिक नुकसान की खबर जैसे ही वहां के कर्मचारियों के सगे-संबंधियों को मिली तो वे मोबाइल से अपने परिचितों की खैर खबर लेते रहे। जेपी कैंपस के कर्मचारी दाताराम थपलियाल का कहना है कि वे वर्ष 2000 से यहां सेवारत हैं। ऐसी आपदा उन्होंने यहां पहली बार देखी। परिचित दिनभर फोन कर कुशलता पूछ रहे हैं। दो अन्य कर्मचारियों ने बताया कि कॉलोनी में दिनभर तो रहा जा रहा है लेकिन रात को डर सता रहा है। जेपी कॉलोनी के समीप ही स्थानीय लोगों के मकान भी हैं। प्रभावित विजया देवी का कहना है कि जिस स्थान पर भूमि से पानी का रिसाव हो रहा है उससे थोड़ी दूरी पर उनका मकान है। यहां रहना मुश्किल बना हुआ है। उनके दो बच्चे भी यहां रहने से डर रहे हैं। उन्होंने जल्द पुनर्वास की मांग की। उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव लेता जा रहा एक विकराल रूप , मंदिर हुआ धराशायी बढ़ी लोगों की चिंता |

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव विकराल रूप लेता जा रहा है। घरों और सड़कों में पड़ रही बड़ी-बड़ी दरारें लोगों को डरा रही हैं। अभी तक क्षेत्र से किसी हादसे की खबर नहीं थी, लेकिन इसी बीच शुक्रवार को एक मंदिर के धराशायी होने की खबर से लोगों में दहशत बन गई है। जानकारी के अनुसार, सिंहधार वार्ड मे मां भगवती का मंदिर ढह गया। जिसके बाद से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।

उधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। डीएम ने बताया कि नगर में कुल 561 भवनों में दरार आई है। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है।

वहीं, शुक्रवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम की ओर से हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। अभी तात्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है।

जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए एसडीआरएफ ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां तीन और टीमें तैनात की गई हैं। पहले यहां तीन टीमें तैनात रहती थीं। एसडीआरएफ के अधिकारियों को यहां पल-पल निगरानी के निर्देश पुलिस मुख्यालय ने दिए हैं।

बदरीनाथ मास्टर प्लान का कार्य कर रही पीआईयू डिविजन लोनिवि की तकनीकी कार्मिकों की टीम अब जोशीमठ का तकनीकी सर्वे करेगी। यह टीम प्रभावित परिवारों के भवन, होटलों का सर्वे कर नुकसान का आकलन करेगी। अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
जेपी कंपनी के आवासीय परिसर में आपदा से अधिक नुकसान की खबर जैसे ही वहां के कर्मचारियों के सगे-संबंधियों को मिली तो वे मोबाइल से अपने परिचितों की खैर खबर लेते रहे। जेपी कैंपस के कर्मचारी दाताराम थपलियाल का कहना है कि वे वर्ष 2000 से यहां सेवारत हैं। ऐसी आपदा उन्होंने यहां पहली बार देखी। परिचित दिनभर फोन कर कुशलता पूछ रहे हैं।

दो अन्य कर्मचारियों ने बताया कि कॉलोनी में दिनभर तो रहा जा रहा है लेकिन रात को डर सता रहा है। जेपी कॉलोनी के समीप ही स्थानीय लोगों के मकान भी हैं। प्रभावित विजया देवी का कहना है कि जिस स्थान पर भूमि से पानी का रिसाव हो रहा है उससे थोड़ी दूरी पर उनका मकान है। यहां रहना मुश्किल बना हुआ है। उनके दो बच्चे भी यहां रहने से डर रहे हैं। उन्होंने जल्द पुनर्वास की मांग की।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed