पिथौरागढ़ की नन्ही परी मामले में मुख्य अभियुक्त को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। जिसके बाद से लोगों में आक्रोश बना हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भड़के जनआक्रोश के बाद लाडली के मामले में सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी ने बताया कि शनिवार को ही पुनर्विचार याचिका दाखिल हो चुकी है। इस प्रारूपण को एसपी सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र आर्या ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किया
रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना नवंबर 2014 की थी। जब लाडली अपने परिजनों के साथ विवाह समारोह में शामिल होने शीशमहल हल्द्वानी गई थी। यहां छह साल की मासूम लाडली की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। तब पूरे कुमाऊं में जबरदस्त आक्रोश भड़का था। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। 25 नवंबर को मासूम का शव गौलापार में झाड़ियों में पड़ा मिला था। इस मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी बेतिया बिहार के रहने वाले डंपर चालक अख्तर अली को पंजाब से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों जहानाबाद पीलीभीत निवासी प्रेमपाल वर्मा और रुद्रपुर निवासी जूनियर मसीह को गिरफ्तार किया गया था। इनमें एक को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया था, दूसरे को पांच वर्ष की सजा और तीसरे मुख्य अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को बरी कर दिया है। इस घटना से लोगों में आक्रोश बना हुआ है।