देहरादून ट्रैफिक जाम से बेहाल: राजमार्गों पर घंटों रेंगते रहे वाहन, पुलिस व्यवस्था पूरी तरह फेल
देहरादून। शुक्रवार को सप्ताहांत की शुरुआत शहरवासियों और सैलानियों दोनों के लिए सिरदर्द साबित हुई। सुबह से शुरू हुआ ट्रैफिक जाम देर रात तक खत्म नहीं हो सका। देहरादून-दिल्ली, हरिद्वार, मसूरी और पांवटा साहिब राजमार्गों पर हजारों वाहन घंटों तक रेंगते रहे। शहर के प्रमुख मार्गों पर हालात इतने बिगड़े कि लोग अपने वाहनों में फंसे घंटों परेशान रहे, जबकि पुलिस का ट्रैफिक प्लान कागजों में ही सिमटकर रह गया।
सबसे ज्यादा संकट देहरादून-दिल्ली राजमार्ग के मोहंड क्षेत्र में देखने को मिला, जहां एक संकरी पुलिया के कारण दोनों ओर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सप्ताहांत पर भारी संख्या में मसूरी और ऋषिकेश की ओर जा रहे पर्यटकों के कारण हालात और बिगड़ गए। दोपहर से लेकर रात आठ बजे तक राजमार्ग पूरी तरह जाम रहा और यूपी पुलिस की अनुपस्थिति ने समस्या को और बढ़ा दिया।
इसी तरह, हरिद्वार बाईपास, रिस्पना पुल, जोगीवाला और कारगी चौक पर भी वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। जहां सामान्यत: 15 मिनट में तय होने वाली दूरी को पार करने में दो घंटे से अधिक समय लग गया। कई स्थानों पर स्थानीय लोग खुद ट्रैफिक को हटाने की कोशिश करते दिखे, लेकिन पुलिसकर्मी मौके से नदारद रहे।
दून-पांवटा साहिब मार्ग पर भी स्थिति गंभीर रही। बल्लूपुर से नंदा की चौकी तक घंटों वाहनों की आवाजाही ठप रही। वहीं शिमला बाईपास और मेहूंवाला-बड़ोवाला क्षेत्र में ट्रकों और निजी गाड़ियों के कारण यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो गया।
मसूरी रोड पर भी शुक्रवार को जाम का संकट गहराया। सहारनपुर चौक व आढ़त बाजार में शोभायात्रा के चलते सैलानी और स्थानीय वाहन फंसे रहे। छुट्टी के दो दिनों के कारण मसूरी की ओर बढ़ रही भीड़ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
ट्रैफिक पुलिस ने हालांकि दावा किया कि जाम से निपटने के लिए अतिरिक्त टीमें तैनात की गई थीं, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आई। देर रात तक राहत नहीं मिली और शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर ट्रैफिक प्रबंधन पर सवाल उठाए।