अरुणाचल में तनाव के बीच लद्दाख में बुनियादी ढांचा बढ़ा रहा चीन, मिसाइल-रडार, एयरबेस की संख्या में इजाफा |
अरुणाचल में तनाव के बीच लद्दाख में बुनियादी ढांचा बढ़ा रहा चीन, मिसाइल-रडार, एयरबेस की संख्या में इजाफा |
नौ दिसंबर की तवांग की झड़प ने अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर चीन के साथ लंबित मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है। अब चीन की एक-एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
भारत के साथ तनाव के बीच चीन अपनी सक्रियता बढ़ाने से बाज नहीं आ रहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीनी वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख सीमा के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कर अपनी तैनाती और बढ़ा दी है। ड्रैगन की इस तरह की हरकत से विवाद और अधिक बढ़ सकता है। दोनों देशों के रिश्तों में खटास आने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि 9 दिसंबर की तवांग की झड़प ने अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सीमा पर चीन के साथ लंबित मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है। बता दें कि अगस्त में ही भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चीनी हवाई गतिविधि में वृद्धि का मुद्दा उठाया था और उसे मौजूदा समझौते का पालन करने के लिए कहा था, जो कि सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने से रोकते हैं।
बुनियादी ढांचे के निर्माण से सेना के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा चीन
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) अपनी क्षमताओं को अधिकतम करने के लिए LAC के पार बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वहीं भारत चीन की हर तरह की गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। भारत अपनी परिचालन योजना में विरोधी की क्षमताओं को ध्यान में रख रहा है, और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए उपयुक्त उपाय कर रहा है।
मिसाइल, रडार की तैनाती से लेकर एयर बेस पर पर रनवे और हैंगर की संख्या बढ़ा रहा चीन
बुनियादी ढांचे के तहत चीन, खतरनाक एयरक्राफ्ट, हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम), एक मजबूत रडार नेटवर्क से लेकर एयर बेस पर पर रनवे और हैंगर की संख्या बढ़ाने में लगा हुआ है। लद्दाख थिएटर में PLAAF की चल रही गतिविधियों का उद्देश्य इसकी क्षमताओं को तेज करना और खुद को एक के रूप में पेश करना है। चीन युद्ध के लिए सैनिकों की संख्या और बढ़ाने पर फोकस कर रहा है।
झिंजियांग और तिब्बत में भी बढ़ रही चीन की हरकत, भारत भी तैयार
झिंजियांग और तिब्बत में अधिकांश चीनी हवाई क्षेत्र दोहरे उपयोग के लिए हैं, और PLAAF ने जानबूझकर लड़ाकू विमानों और हथियारों एवं ईंधन भंडारण के लिए अन्य रसद बुनियादी ढांचे के लिए कठोर आश्रयों का निर्माण किया है। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने भी चीन का मुकाबला करने के लिए लद्दाख और पूर्वोत्तर में भी काफी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है।
तवांग से लगी सीमा के पास भी चीन ने गांवों का निर्माण किया
सैटेलाइट इमेज से यह भी पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगी सीमा के पास गांवों का निर्माण किया है। चीनी पीएलए की सेना ने उस तरफ सड़क भी बना ली है। भारतीय सेना के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत 9 दिसंबर को 300 सैनिकों के साथ एलएसी पर भारतीय चौकी के पास पहुंची थी। जिसे हमारे बहादुर सैनिकों ने कुछ ही देर में खदेड़ दिया। वहीं अरुणाचल प्रदेश में तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं।
भारत के मुंहतोड़ जवाब से हमेशा पीछे हटा है चीन
आईएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने जुलाई में एक बयान देते हुए कहा था कि जब भी हम पाते हैं कि चीनी विमान या दूर से संचालित विमान प्रणाली एलएसी के थोड़ा बहुत करीब आ रहे हैं, तो हम अपने लड़ाकू विमानों से उसे खदेड़ कर या अपने सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखकर उचित उपाय करते हैं। इसने उन्हें काफी हद तक डरा दिया है।
उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |