खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस को रोजाना नई जानकारी सामने आ रही हैं। और खुद दूसरे रास्ते से निकल गया, ताकि सही लोकेशन पता न चल सके। इसके साथ ही अमृतपाल सिंह के संग उसके पुराने साथी जुड़ गए हैं, एक एप के जरिए यह लोग आपस में संपर्क में है।
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पुलिस लगातार छापामारी कर रही है लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। उधर, अमृतपाल को लेकर नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। होशियारपुर के धार्मिक स्थल से फरार हुए अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सिंह अलग-अलग हो गए हैं।
इसके साथ ही अमृतपाल सिंह के संग उसके पुराने साथी जुड़ गए हैं, एक एप के जरिए यह लोग आपस में संपर्क में है। 29 मार्च दोपहर के बाद दोनों ने एक दूसरे का साथ छोड़ दिया था। अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सिंह अलग क्यों हुए, इस बात को जानकर एजेंसियां खुद हैरत में हैं। उनके साथियों से पूछताछ की जा रही है।
अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की होशियारपुर-फगवाड़ा रोड के आसपास के करीब एक दर्जन गांवों में तलाश हो रही है। 28 मार्च को जब देर रात होशियारपुर-फगवाड़ा मार्ग पर काउंटर इंटेलिजेंस की टीम एक फॉर्च्यूनर और इनोवा गाड़ी का पीछा कर रही थी, तब इनोवा गाड़ी में सवार दो युवकों ने वाहन को मरनाईयां गांव की ओर घुमा लिया था, लेकिन रास्ता बंद होने की वजह से वो चलती गाड़ी छोड़कर फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार इनोवा में अमृतपाल सिंह के साथ उसका साथी पपलप्रीत सिंह भी मौजूद था। सूत्रों के मुताबिक, 27 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके साथी कोटफतूही के पास एक धार्मिक स्थल पर ठहरे थे। 28 मार्च की रात को वहां से रवाना हो गए थे।
काउंटर इंटेलिजेंस टीम को इसकी गुप्त सूचना मिली, जो 28 मार्च की रात उनका पीछा कर रही थी। बताया जाता है कि अमृतपाल सिंह की इनोवा गाड़ी के आगे एक पायलट गाड़ी भी चल रही थी, जो उसे आगे किसी खतरे की जानकारी दे रही थी। ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है कि अमृतपाल सिंह का पहला वीडियो भी कोट फतूही इलाके के पास स्थित उक्त धार्मिक स्थल में बनाया गया था। पुलिस को शक है कि अमृतपाल और उसके साथी अब भी इसी इलाके में छिपे हैं।