Sun. Oct 20th, 2024

उत्तराखंड : वन विभाग कर्मचारियों के पीएफ में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, विभाग ऐसे डकार गया 43 लाख रुपये

उत्तराखंड : वन विभाग कर्मचारियों के पीएफ में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, विभाग ऐसे डकार गया 43 लाख रुपये

उत्तराखंड : वन विभाग कर्मचारियों के पीएफ में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, विभाग ऐसे डकार गया 43 लाख रुपये

उत्तराखंड : वन विभाग कर्मचारियों के पीएफ में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, विभाग ऐसे डकार गया 43 लाख रुपये

वन विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों के पीएफ में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग की ओर से कर्मचारियों के भविष्य निधि की करीब 43 लाख रुपये की रकम डकार ली गई है। ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वन विभाग व उसकी आउटसोर्स कंपनी को नोटिस भेजा है। इसके अलावा दो और बड़ी कंपनियों ने भी सैकड़ों कर्मचारियों के पीएफ के करोड़ों रुपये का गबन कर दिया है।

इस संबंध में मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया, उज्जवल लेबर कांट्रैक्टर कंपनी ने वन विभाग को आउससोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराए थे। उपलब्ध कराए करीब 350 कर्मचारियों का पीएफ का अंशदान साल 2011 के फरवरी महीने से इस साल 2021 के अप्रैल महीने तक जमा नहीं किया गया है। कहा, कर्मचारी के पीएफ का अंशदान जमा कराने का जिम्मा प्रमुख नियोक्ता (प्रिंसिपल एम्प्लॉयर) का होता है।

इसके आधार पर ही वन विभाग और कंपनी को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा कोटद्वार की केएमसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने अगस्त 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों के पीएफ के 1,05,35,766 रुपये और रुड़की के भगवानपुर की अवीना मिल्क प्रोडक्टस लिमिटेड ने भी अप्रैल 2015 से अगस्त 2019 तक कर्मचारियों के पीएफ के 33,79,354 रुपये जमा ही नहीं किए। इन दोनों कंपनियों को भी ईपीएफओ की ओर से नोटिस भेजा गया है।

कर्मचारियों के हक का पैसा खाने वाले विभाग व कंपनियों के खिलाफ ईपीएफओ ने अभियान छेड़ा हुआ है। अभियान के तहत ही ईपीएफओ ने नगर पालिका श्रीनगर से एक करोड़ रुपये से ज्यादा का पीएफ वसूला है। इसके अलावा मसूरी इंटरनेशनल स्कूल से सात लाख से अधिक, मोड हाईक प्राइवेट लिमिटेड से 14 से अधिक, विनायक टेक हरिद्वार से 13 लाख रुपये से अधिक, उत्तराखंड परिवहन निगम से 43 लाख रुपये से अधिक मैहरवार कलां सहकारी श्रम संविदा समिति हरिद्वार से सात लाख रुपये और विनायक टेक, हरिद्वार से 13 लाख रुपये से अधिक का पीएफ वसूला गया है।

केवाईसी के साथ छेड़छाड़ करने वाली हरिद्वार की तीन कंपनियों के खिलाफ ईपीएफओ की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें हरिद्वार की मैसर्स रचित इंटरप्राइजेज, मैसर्स वेद ऑनलाइन सर्विसेस और ए-वन साइबर हरिद्वार शामिल हैं। इन तीनों कंपनियों ने पीएफ सदस्यों के पीएफ खाते में केवाईसी के साथ छेड़छाड़ कर उनके अंशदान से अवैधानिक रूप से निकासी की है।

दावा निपटारे में उत्तराखंड नवंबर वन पर है। ईपीएफओ में दावा निपटारे की वैधानिक समय सीमा 20 दिन है। क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया, वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 94 फीसदी से अधिक दावों का निपटारा 10 दिनों के भीतर किया गया। इनमें 63 फीसदी दावे ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ तीन दिन के भीतर निपटाया गया।

उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed