Thursday, July 3News That Matters

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नीरज नैथानी… उस जमाने में इमरजेंसी एम्बुलेंस होती थी ‘पिनस’

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नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड मेरे गांव की पिनस अपने गांव के संदर्भ में, मैं आपके साथ एक पुरानी किंतु रोचक जानकारी साझा करना चाहता हूं। आज से तकरीबन चालीस पैंतालीस साल पहले हमारे गांव के ऊपर पिछड़े पहाड़ी इलाके का ठप्पा लगा हुआ था। वैसे अनेक संदर्भों में यह पिछड़ा था भी, जैसे कि गांव में बिजली नहीं थी, सड़क नहीं थी, यातायात के साधन नहीं थे, निकटतम बाजार जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था। उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं थी और सबसे बड़ी बात स्वास्थ्य सुविधाओं का नितांत अभाव था। ऐसे में यदि कोई गांव में बीमार पड़ गया, उसे किसी उपचार की आवश्यकता है, किसी अस्पताल ले जाना है, किसी डाक्टर को दिखाना है और वह पैदल चलने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है तो फिर काम आती थी पिनस। हां, जी पिनस। यह पालकी जैसी लकड़ी की संरचना होती थी। जिसमें उपचार के लिए रोगी को आराम मुद्रा में अधलेटा कर...
2 अगस्त से स्कूल खोलने पर एसोसिएशन ने जताई आपत्ति

2 अगस्त से स्कूल खोलने पर एसोसिएशन ने जताई आपत्ति

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-नेशनल एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। नेशनल एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने के सरकार के निर्णय पर लेकर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। मांग की गई है कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक स्कूल न खोले जाएं। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि पिछले वर्ष से शासन/प्रशासन को बार-बार अवगत कराया जा रहा है कि जब तक कोरोना महामारी पूर्णतया समाप्त न हो जाये, तब तक विद्यालय नहीं खोले जाने चाहिए। क्योंकि, अभी तक 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन नही आई है। लेकिन, उत्तराखंड सरकार ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बच्च...

परेशानी: स्मार्ट सिटी देहरादून के शोरूम व दुकानों में घुसा बारिश का पानी

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। देहरादून में मंगलवार रात से बारिश जारी है। बारिश के कारण देहरादून के विभिन्न इलाकों में जलभराव के कारण लोग परेशान हैं। हालात यह हैं कि स्मार्ट सिटी बन रही देहरादून के मुख्य बाजारों के शोरूम व दुकानों में पानी घुस रहा है। देहरादून के वीआईपी क्षेत्र राजपुर रोड के एक शोरूम में भी पानी घुस गया।गांधी पार्क के सामने सैमसंग शोरूम के कर्मचारियों ने सुबह में जब शोरूम खोला तो शोरूम के अंदर पानी ही पानी था। बारिश के कारण कई अन्य दुकानों में भी पानी भर गया। दुकानदारों का कहना है स्मार्ट सिटी के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों जो काम हुआ, उससे दुकानों के आगे के फुटपाथ काफी ऊपर हो गए हैं। पानी की निकासी न हो होने के कारण दुकानों व शोरूम के अंदर पानी घुस रहा है। इससे दुकानदारों को परेशानियां बढ़ गई हैं।...

नीरज नैथानी… मेरे गांव की गोठ

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नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड ------------------------------------- मेरे गांव की गोठ पहाड़ी गांवों से जब इस कदर पलायन नहीं हुआ था तथा गांव, घर-परिवारों व पशुओं से भरपूर बने हुए थे, उस समय गोठ परम्परा प्रचलन में थी। जैसा हम जानते ही हैं कि पहाड़ी खेत आकार व क्षेत्रफल में छोटे होने के साथ ही सीढ़ीनुमा होते हैं। अत: इन खेतों में अच्छी फसल के लिए जैविक खाद पंहुचाना दुष्कर कार्य होता था। इस समस्या के निराकरण के लिए ही गांव में गोठ परम्परा स्थापित की गयी। गांव के तीन-चार परिवार मिल कर अपना समूह बना लेते थे। प्रात: उस समूह के एक दो सदस्यों के नियंत्रण में उनके समस्त पशु विशेषकर गाय, बैल, बछड़ा, बछिया बकरी आदि चराने के लिए जंगल ले जाए जाते। हांलाकि, वे निरंतर अभ्यास के कारण स्वत: ही चलते जाते व गौचर मैदान में अपनी इच्छा से चारा चरते तथा शाम होने पर स्वभाविक रूप से अपने आप ही लौटने भी ल...

चलो चले गांव की ओर…. दसवीं (समापन) किश्त… बोडी पर देवता अवतरित हो गया, उन्ने जोर से किलक्कताल मारी… आदेश…!

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नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड चलो चले गांव की ओर...गतांक से आगे.. दसवीं (समापन) किश्त आज कथा का‌ समापन दिवस है। मंदिर परिसर में सुबह से ही हलचल हो रही है। पाठार्थी उच्च स्वर में जप कर रहे हैं। व्यास जी‌ गद्दी पर बैठे मौन वाचन करते हुए पुस्तक के पृष्ठ पलटते जा रहे हैं। आस-पास के गावों से श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा आ रहा है। पाण्डाल भक्तों से खचाखच भर चुका‌ है। अंतत: जैसे ही व्यास जी ने पारायण की घोषणा करते हुए उद्घोष किया बोलिए आज के आनंद की... सामूहिक स्वर वातावरण में गूंज उठे.. जय। एक पाठार्थी ने माइक अपने सामने खिसकाते हुए उच्चारित किया.. धर्म की.. सभी एक साथ बोल उठे ... जय हो..., अधर्म का.. नाश हो.., प्राणियों में.. सद्भावना हो। हर-हर महादेव... हर-हर महादेव... फिर व्यास जी के द्वारा आरती करने का संकेत करते ही आरती प्रारम्भ‌ हो गयी। प्रांगण में बैठे समस्त लोग अपने स्थान ...
कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन… जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी

कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन… जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। संयुक्त नागरिक संगठन के आव्हान पर कई संस्थाओं प्रतिनिधियों ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क स्थित कारगिल युद्ध स्मारक में एकत्र होकर देश के जांबाज शहीदो को श्रद्धासुमन अर्पित किये। अपनी पुष्पांजली अर्पित करते हुए इनकी याद मे दीप जलाये। इनमे तिब्बती महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था। शहीदों के प्रति देशप्रेम की भावना से प्रेरित होकर राजकीय आवासीय विद्यालय राजपुर रोड़ के प्रधानाचार्य हुक्म सिंह उनियाल के नेतृत्व में छात्र छात्राओं, तिब्बती संगठन की महिलाओ व सभी गणमान्य नागरिको ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी' का सामूहिक गान किया। कवि वीरेंद्र डंगवाल "पार्थ" ने भारतभूमि और शहीदों को नमन करते हुए धनाक्षरी छंद में देशभक्ति पूर्ण रचना पढ़ी। उन्होंने पढ़ा कि 'धड़के है दिल ...

चलो चले गांव की ओर… नौवीं किश्त.. मैंने कह दिया, बोगट्या वोगट्या तो नहीं पर रोट कटेगा

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नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड चलो चले गांव की ओर.... गतांक से आगे... नौवीं किश्त.. समापन से पूर्व की किश्त भैजी कल तेरे घर की महफिल में भी बौत मज्जा आया पर, सच बताना हमारे आने के बाद भाभी जी ने क्लास तो नहीं ली नरू काका ने डायरेक्टर बोडा को छेड़ा। अमा यार किसकी घरवाली बोलेगि कि दारू पिओ.. गुलछर्रे उड़ाओ.. पर मैंने पैलेई बोल दिया था कि भै बंध बैठेंगे शाम को हल्ला मत करना।तकरार की आवाज तो आ रही थी मैंने सुना, हम पे नाराज तो नहीं हो रही थीं नरू काका भी सच उगलवाने को आतुर हो रहा था। ना ना तुम्हारे लिए कुछ नहीं कह रही थी बोडा ने टालने की गरज से कहा। कुछ तो बोल ही रही थी भैजी, नरू काका भी नशे की पिनक में अड़ गया। यार वो अक्सर मेरे द्वारा दोस्तों को दी जाने वाली दावत को फालतू की दरियादिली का आरोप लगाकर ताने सुनाती रहती है कि सारी दुनिया के लिए सबकुछ लुटाते रहते हो पर मेरे लिए आज तक...

नीरज नैथानी… जल की गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करने का प्राचीनतम श्रेष्ठ उदाहरण ‘पहाड़ी घट्’

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नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड --------------------------------------------- मेरे गांव का घट् ------------------------------------ मैं बात कर रहा हूं पहाड़ी घट् की, जिसे आप पनचक्की अर्थात पानी से चलने वाली चक्की कह सकते हैं। वैसे इन्हें घराट के नाम से भी पुकारते हैं। जब पहाड़ के गावों में बिजली नहीं पहुंची थी और न ही डीजल इंजन से भक्क भक्क की आवाज करती चक्कियां ही चलती थीं तो उस समय ये घट् पहाड़ी जीवन की आधार शिला हुआ करते थे। कुछ-कुछ गावों में आज भी इनके अवशेष मात्र देखे जा सकते हैं। जो घराट नदियों के किनारे स्थित होते थे वे बारामासी चलते थे लेकिन, जो गधेरों के किनारे बनाए जाते थे वे वर्षाकाल में प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध होने पर ही चलते थे। गेहूं अनाज पीसने का एकमात्र साधन उस समय घट् ही होता था। लेकिन, यदि आप घट् का मूल्यांकन केवल पिसाई स्थली के रूप में करेंगे तो गच्...
ओड़िशा में “नई पीढ़ी” की महिलाओं का नेतृत्व करेंगी नम्रता चड्ढा

ओड़िशा में “नई पीढ़ी” की महिलाओं का नेतृत्व करेंगी नम्रता चड्ढा

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। ओड़िशा राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य तथा ओड़िशा की प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा को नई पीढ़ी के उत्थान के लिए समर्पित राष्ट्रीय स्तर पर उभरते संगठन "नई पीढ़ी फाउंडेशन" ने अपने ओडिशा की महिला इकाई का अध्यक्ष मनोनीत किया है। नम्रता चड्ढा का मनोनयन पत्र 'नई पीढ़ी फाउंडेशन' के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी द्वारा नई दिल्ली कार्यालय से जारी किया गया है। गौरतलब है कि नम्रता चड्ढा ओड़िशा की प्रख्यात सोशल एक्टिविस्ट और अधिवक्ता हैं। वह महिला अधिकार अभियान की चेयर पर्सन, माध्यम ओड़िशा की प्रेसिडेंट सहित कई संस्थाओं में वरिष्ठ पदाधिकारी हैं, साथ ही वह ओड़िशा के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के शिकायत निवारण समिति की सदस्य व सलाहकार भी हैं। मानवाधिकार से मास्टर डिग्री हासिल करने वाली नम्रता उत्कल विश्वविद्यालय से सामाजिक कार...
‘कोरोना काल में जड़ी-बूटियां’ परिचर्चा में शामिल हुए देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ

‘कोरोना काल में जड़ी-बूटियां’ परिचर्चा में शामिल हुए देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। 'नई पीढ़ी' समाचार पत्र/ पत्रिका तथा देश के लेखकों पत्रकारों के प्रथम साझा मंच राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (वाजा इंडिया) की तरफ से आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा गत दिनों सफलतापूर्वक संपन्न हुई। परिचर्चा में देश-विदेश से जुड़े आयुर्वेद विशेषज्ञों, वरिष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारों, समेत अनेक प्रबुद्धजनों की उपस्थिति रही। परिचर्चा का संचालन करते हुए वाजा इंडिया के संस्थापक महासचिव तथा नई पीढ़ी के संपादक शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि परिचर्चा की सबसे प्रमुख विशेषता इसका ऑनलाइन होना नहीं बल्कि इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इस परिचर्चा को प्रमुखता से नई पीढ़ी के आगामी जड़ी-बूटी विशेषांक में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटियां धरती माँ की कोख उपजती हैं और इस परिचर्चा का शुभारंभ व समापन भी मातृशक्ति की मुखारविंदों से संपन्न होगा। परिचर्चा की श...