चारधाम यात्रा में विकट भौगोलिक परिस्थितियों के चलते श्रद्धालुओं की मौत |
चारधाम यात्रा में विकट भौगोलिक परिस्थितियों के चलते श्रद्धालुओं की मौत |
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। यात्रा के लिए अब तक 20 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं जबकि 10 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं।
चारधाम यात्रा में विकट भौगोलिक परिस्थितियों के चलते श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी है। चारधाम यात्रा शुरू होने के 24 दिनों के भीतर 83 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन सात तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। यात्रा के लिए अब तक 20 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं जबकि 10 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं। मौसम की चुनौतियों और विकट भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद तीर्थयात्री स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों की अनदेखी कर केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और ठंड के कारण हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या ज्यादा है।
कहां कितनी मौत
बदरीनाथ में 13, केदारनाथ में 41, गंगोत्री में 04 और यमुनोत्री में 25 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
इतने तीर्थयात्री आए
बदरीनाथ में 340954, केदारनाथ में 335134, गंगोत्री में 200351, यमुनोत्री में 149596 पहुंच चुके हैं।
बृहस्पतिवार को इन सात यात्रियों की मौत
बृहस्पतिवार को केदारनाथ यात्रा में चार यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है, वहीं उत्तरकाशी में तीन तीर्थयात्रियों की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। केदारनाथ में नंदू (65) निवासी नालंदा बिहार, हरिद्वार तिवारी (62) निवासी बलरामपुर, यूपी, रामनारायण तिवारी (65) निवासी लखनऊ और हेमराज सोनी (61) निवासी बारा, राजस्थान की मौत हो गई। वहीं उत्तरकाशी में यमुनोत्री धाम में राजस्थान निवासी लालचंद राठी की अचानक तबीयत खराब हो गई, अस्पताल पहुंचने तक उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं खरादी में इलाहाबाद के तीर्थयात्री रामचंद्र शाहू और हर्षिल में आगरा निवासी चंद्र भान राठौर की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
चारधाम में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की ओपीडी
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.शैलजा भट्ट ने बताया कि अब तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की ओपीडी की गई। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केदारनाथ धाम में 24 फिजिशियन, 133 चिकित्सक, 12 आर्थोपैडिक सर्जन व 65 नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ 15-15 दिनों के रोटेशन के अनुसार ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। केदारनाथ की विषम परिस्थितियों को देखते हुए चार अतिरिक्त चिकित्सक भी केदारनाथ अस्पताल में तैनात किए गए हैं। चारधाम यात्रा को सुरक्षित संचालित कराने के लिए यात्रा मार्गों पर 117 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।
201 यात्री अनफिट, सिर्फ एक लौटा
सोनप्रयाग में 50 वर्ष से अधिक उम्र के 2210 यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इसमें 201 यात्री अनफिट पाए गए। लेकिन सिर्फ एक यात्री ही वापस लौटा। बाकी 200 यात्री अपने जोखिम पर केदारनाथ के लिए रवाना हुए। सीएमओ डॉक्टर बीके शुक्ला ने बताया की यात्री अपने जोखिम पर आगे जा रहे हैं, यह सबसे बड़ी चिंता है। अब अनफिट यात्रियों को लेकर ठोस नीति बनाई जाएगी। संवाद
केदारनाथ धाम में बीकेटीसी अध्यक्ष की तबीयत बिगड़ी
केदारनाथ धाम में दर्शन की व्यवस्था में जुटे बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की तबीयत बिगड़ गई। बृहस्पतिवार को सांस लेने दिक्कत बढ़ने पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। इसके बाद हेलिकॉप्टर से उन्हें गुप्तकाशी पहुंचाया। उनके स्वास्थ्य में आंशिक सुधार हुआ है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। पिछले कई दिनों से बीकेटीसी के अध्यक्ष केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं को सुचारु करने में डटे थे।
बुधवार देर शाम से उन्हें दिक्कत होनी लगी।
हस्पतिवार को सांस लेने में दिक्कत हुई तो ऑक्सीजन लगाई गई। प्राथमिक उपचार के बाद अध्यक्ष को हेलिकॉप्टर से गुप्तकाशी पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है। उनके स्वास्थ्य में आंशिक सुधार हुआ है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 22 से 24 मई तक मौसम विभाग की ओर से बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी करने से बीकेटीसी अध्यक्ष केदारनाथ पहुंच गए थे। खराब मौसम में भी श्रद्धालुओं की सेवा और व्यवस्था बनाने में जुट रहे। उन्होंने मंदिर सेवा में लगे कार्मिकों का मनोबल भी बढ़ाया।
उत्तरांचाल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |