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डीजीपी ने किया कांवड़ मार्ग का स्थलीय निरीक्षण, 7000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात, ड्रोन और CCTV से निगरानी

उत्तराखंड में श्रावण मास की कांवड़ यात्रा-2025 का आगाज 11 जुलाई से होने जा रहा है। यात्रा के शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन को लेकर पुलिस मुख्यालय ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री दीपम सेठ ने ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ महादेव मंदिर तक कांवड़ यात्रा मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। डीजीपी ने व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

तीन जिलों की संयुक्त समीक्षा बैठक

निरीक्षण के दौरान पुलिस महानिदेशक ने देहरादून, पौड़ी और टिहरी जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं अन्य अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की। इसके बाद मुनि की रेती, लक्ष्मण झूला और नीलकंठ महादेव मंदिर तक यात्रा मार्ग का भौतिक निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था, यातायात संचालन, श्रद्धालु सहायता केंद्रों, शिविर स्थलों एवं ड्यूटी में लगे पुलिस बल की तैनाती का जायजा लिया।

नीलकंठ मंदिर पहुंचकर डीजीपी ने मंदिर समिति और श्रद्धालुओं से संवाद कर व्यवस्थाओं को लेकर फीडबैक भी लिया। उन्होंने मौके पर तैनात पुलिस बल को ड्यूटी को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।

7000 से अधिक जवान तैनात, 24×7 निगरानी

डीजीपी सेठ ने बताया कि कांवड़ मेले की सुरक्षा के लिए कुल 7000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इनमें 3000 पुलिसकर्मी, 1350 होमगार्ड/पीआरडी, 15 कंपनी पीएसी, 9 कंपनी अर्धसैनिक बल, 9 बम डिस्पोजल स्क्वॉड, 4 एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड, 10 SDRF टीम, 10 ड्रोन यूनिट्स, और 7 जल पुलिस टीमें शामिल हैं।

मेले के प्रमुख क्षेत्रों में 500 से अधिक CCTV कैमरों के माध्यम से कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से नीलकंठ मेला क्षेत्र को 1 सुपर जोन, 7 जोन और 23 सेक्टर, जबकि हरिद्वार मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 ज़ोन और 134 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। इन सभी सेक्टरों की कमान ASP, CO, इंस्पेक्टर और SHO स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।

सोशल मीडिया और ड्रोन से हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर

डीजीपी ने स्पष्ट किया कि श्रद्धा की आड़ में हुड़दंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम, STF और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। DJ बजाने, मानक से ऊंची कांवड़ लेकर चलने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले तत्वों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।

ड्रोन व CCTV के साथ-साथ इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन सिस्टम और सीमावर्ती राज्यों के कंट्रोल रूम से रियल टाइम सूचना आदान-प्रदान की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

वरिष्ठ अधिकारियों की ब्रीफिंग

इसी क्रम में ऋषिकेश और हरिद्वार में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा संयुक्त ब्रीफिंग और व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, एडीजी अभिसूचना एपी अंशुमान, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, निदेशक यातायात एनएस नपलच्याल और डीआईजी फायर सर्विस निवेदिता कुकरेती ने पुलिस बल को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

डॉ. मुरूगेशन ने कहा कि, “कांवड़ मेला-2025 हम सबके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और हर परिस्थिति में सतर्क प्रतिक्रिया है।” उन्होंने बल को संयम, समर्पण और तत्परता के साथ ड्यूटी निभाने का आह्वान किया।

श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील

डीजीपी दीपम सेठ ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि, “कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न कराना हमारी प्राथमिकता है। श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता देना पुलिस का कर्तव्य है। प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर सभी श्रद्धालु सहयोग करें।”