उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली लोगों को बड़ा झटका दे सकती है,उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग से बिजली के दामो में बढ़ोत्तरी कि की आपील|
उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली लोगों को बड़ा झटका दे सकती है,उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग से बिजली के दामो में बढ़ोत्तरी कि की आपील|
पावर कारपोरेशन का कहना है कि वह महंगी बिजली खरीदने का खर्च नहीं उठा सकता इसलिए इस रकम की वसूली लोगों यानी कंज़्यूमरों से ही की जानी चाहिए. एक बार यह तर्क करीब एक महीने पहले खारिज किया जा चुका है, लेकिन अब इसी तर्क के आधार पर बिजली के रेट बढ़ने की पूरी संभावना है.
उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली लोगों को बड़ा झटका दे सकती है. उत्तराखंड पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग से बिजली के दामो में बढ़ोत्तरी की आपील की है और बढ़ोत्तरी भी मामूली नहीं, बल्कि15 से 26 फीसदी तक होने के आसार हैं. ऐसा हुआ तो राज्य की जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है क्योंकि मार्च महीने में ही प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाए गए थे और इसी साल में एक बार बिजली की मार आम जनता का बजट बिगाड़ने के लिए तैयार है. वह भी तब जबकि लोग पहले ही महंगाई और टैक्स के बोझ से दबे हुए हैं|
प्रदेश में बिजली सप्लाई करने वाले UPCL को हर दिन 50 लाख यूनिट की आवश्यकता है लेकिन सूरत-ए-हाल यह है कि प्रदेश के साथ ही केंद्र से मिल रही बिजली को भी जोड़ लिया जाए, तो 30 लाख से 40 लाख यूनिट ही बिजली यूपीसीएल को मिल पा रही है. खपत को पूरा करने के लिए यूपीसीएल बाजार से 8 से 10 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से हर दिन 5 से 10 लाख यूनिट खरीद रहा है. यूपीसीएल का कहना है कि उस पर बड़ा बोझ पड़ रहा है. इस बोझ को कम करने के लिए यूपीसीएल ने एक बार फिर नियामक आयोग से बिजली के दाम बढ़ाए जाने की मांग की है.
1 सितंबर से लागू होंगी बढ़ी दरें!
वहीं, यूपीसीएल द्वारा दी गई अपील पर नियामक आयोग ने काम शुरू कर दिया है और सूत्रों की मानें तो इस बार प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगना तय है. यानी कि अगर कंज्यूमर का बिजली बिल 500 रुपये आता है, तो अब वही बिल 570 रुपये से अधिक होगा. नियामक आयोग के टेक्निकल मेंबर एमके जैन ने बताया कि ये बढ़े हुए रेट 1 सितम्बर से लागू हो सकते हैं.
इससे पहले, जून के महीने के आखिर में नियामक आयोग ने बिजली की दरें 1 जुलाई से बढ़ाए जाने की मांग को खारिज कर दिया था. यूपीसीएल ने तब भी दरें बढ़ाने की याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उसे 20 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदनी पड़ रही है, लिहाज़ा लोगों पर ही यह आर्थिक बोझ डालना होगा, लेकिन आयोग ने तब दरें न बढ़ाने की बात कहते हुए यह भी कहा था कि एक साल में एक बार से ज़्यादा दरें बढ़ाई नहीं जा सकतीं. अब इसके उलट फैसला आ सकता है क्योंकि कारपोरेशन ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.
उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |