डॉ राजेश्वर उनियाल… भाषायी मामले में गांधी जी की गलती न दोहराएं …
डॉ राजेश्वर उनियाल
मुंबई, महाराष्ट्र
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बंधुओ, (२९-७-२१) हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने देश की शिक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए भारत की इंजीनियरिंग शिक्षा को अंग्रेजी व हिंदी के साथ ही मराठी, तमिल, बांग्ला व तेलुगू में भी प्रारंभ करने की घोषणा की। हालांकि, हो सकता है कि भावावेश में आकर कई लोग इसका स्वागत अवश्य करेंगे, परंतु यहां पर एक भयंकर चूक हो रही है, जिसे अगर समय रहते सुधारा नहीं गया, तो भविष्य में भारत में भाषाई विवाद व आंदोलन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं ।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 1918 में गांधी जी की अध्यक्षता में इंदौर में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार करने की घोषणा की गई थी, फिर महात्मा गांधी जी की ही अध्यक्षता में कांग्रेस ने भी हिंदी क...