चमोली जिले के रैणी गांव में हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल में मलबा-पानी से आई आपदा ने ग्रामीणों को दिए गहरे जख्म |
by ucnnews
चमोली जिले के रैणी गांव में हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल में मलबा-पानी से आई आपदा ने ग्रामीणों को दिए गहरे जख्म |
चमोली जिले के रैणी गांव में हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल में मलबा-पानी से आई आपदा ने ग्रामीणों को गहरे जख्म दिए थे। खारबगड़ में उत्तर भारत हाईड्रोपावर के टनल के ऊपर भू-धंसाव से ग्रामीण दशहत में हैं।
आपदा के लिहाज से उत्तराखंड की गिनती संवदेनशील राज्यों में होती है। चमोली जिले के रैणी गांव में हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल में मलबा-पानी से आई आपदा ने ग्रामीणों को गहरे जख्म दिए थे। आपदा से कई ग्रामीणों की जान गई तो कई लोग अभी भी लापता हैं। ऐसा ही मामला अब बागेश्वर जिले के कपकोट में सामने आ रहा है। खारबगड़ में उत्तर भारत हाईड्रोपावर के टनल के ऊपर भू-धंसाव से ग्रामीण दशहत में हैं।
लेकिन टनल को इससे कोई खतरा नहीं है। पावर कंपनी में नौकरी नहीं मिलने से गांव के अधिकांश लोग नाराज दिखे। उनका कहना है कि हर बारिश में परेशानी हम झेल रहे हैं, लेकिन रोजगार बाहर के लोगों को दिया जा रहा है। ग्रामीणों की आड़ में कई लोग मालामाल भी हो गए हैं।
टनल के नीचे रेवती नदी है वहां प्रशासन हर बार रेता बजरी की निविदा कराता है, जो उनके लिए खतरा पैदा कर रहा है। खाईबगड़ क्षेत्र की पड़ताल की गई। गांव में करीब 60 परिवार रहते हैं, जो शनिवार को भू-धंसाव के कारण दहशत में दिखे। कुछ ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने बताया कि टनल से पानी रिसने की दिक्कत हर साल बारिश में आती है।
ऊपर टनल नीचे रेवती नदी बहती है। इससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है, रेवती नदी में खनन का भी किया जाता है। बारिश के दिनों में कभी वह भराड़ी आते हैं तो पानी के कारण शाम को घर नहीं जा पाते हैं। इसके बाद टीम रीठाबगड़ से 200 मीटर आगे पहुंची। जमुखाखाल के पास कुछ मात्रा में लगातार टनल के नीचे से पानी निकल रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि यदि टनल टूटी तो परमटी, गांसू, रीठाबगड़, भानी, तिमलाबगड़, चीराबगड़, भराड़ी, खाईबगड़, कपकोट तक के लिए खतरा बन सकती है।
2007 में जब यह बन रहा था तब हमने विरोध किया, तब हमें राजनेताओं ने बरगलाया हम मान गए। हर ग्रामीण को रोजगार देने की बात की गई थी। बेटी की शादी में एक लाख देने की बात थी। सब बेइमानी साबित हो रही है। भू-धंसाव ने उन्हें दहशत में डाल दिया है।